आवारा मवेशियों के लिए प्रशासन अस्थाई आश्रय स्थल बनवा रहा है। इधर ग्रामीण आवारा मवेशियों से तत्काल मुक्ति चाहते हैं। प्रशासन के आह्वान पर ही ग्रामीण सब्र नहीं रख रहे हैं। इससे नई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। बिलसरायां में बनाए गए अस्थाई आश्रय स्थल में मौजूदा समय में 300 मवेशी बंद हैं। नरिहा व करसा गांव में अस्थाई आश्रय स्थल अभी बन नहीं सके हैं। लेकिन अन्ना मवेशियों से जल्द छुटकारा पाने के चक्कर में अहमदपुर स्योंदा व सूरजपुर, गजनेर के ग्रामीण कई मवेशी हांक कर बिलसरायां अस्थाई आश्रय स्थल पहुंचे।
इन लोगों ने क्षमता से अधिक मवेशी बंद होने के बाद भी एक दर्जन और मवेशी जबरन बंद करने की कोशिश की। इसको लेकर मौजूद राजस्व कर्मियों से गुस्साये ग्रामीणों की झड़प हो गई। इसके बाद एसडीएम के निर्देश पर गजनेर पुलिस ने जाकर अहमदपुर स्योंदा गांव के लियाकत, जगत नारायण व सूरजपुर के जीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उपजिलाधिकारी अकबरपुर आनंद कुमार सिंह ने बताया कि तीनों ग्रामीणों को शांति भंग में पाबंद किया गया है। एक-एक लाख रुपये की जमानत पर तीनों को छोड़ा गया है। एसडीएम ने कहा कि जबरन आश्रय स्थल में मवेशी बंद करने वाले ग्रामीणों से सख्ती से निपटा जाएगा।