पहले दिन कॉपियंा जांचने के लिए परीक्षकों के पास गईं तो एक कापी में शायरी लिखी थी कि – हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी परीक्षा जहां हुई, वहां टीचर दबंग था। यह शायरी सुनकर मूल्यांकन कक्ष में ठहाके लगने लगे। परीक्षकों की उपस्थिति काफी कम थी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट उर्दू विषय को छोड़ कर शेष सभी विषयों की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हो गया। पहला दिन होने के कारण अव्यवस्था भी रही।
मूल्यंाकन के दौरान एक कापी में से 20 रुपए का नकली नोट निकल आया। परीक्षार्थी का यह मजाक परीक्षक को पसंद नहीं आया। यह वाक्या आर्य कन्या इंटर कॉलेज में हुआ। मूल्यांकन के दौरान इंटर पीसीबी वर्ग की एक कॉपी में 20 का नकली नोट निकला। वहीं शिक्षक के नकल न करने देने पर एक छात्र ने दूसरी कॉपी में व्यंग्य किया। आर्य कन्या इंटर कॉलेज, राष्ट्रीय इंटर कॉलेज, मोहन विद्या मंदिर (सभी इंटर), सुभाष स्मारक, केके गर्ल्स और चाचा नेहरू इंटर कॉलेज (सभी हाईस्कूल) में नौ लाख कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है।
डीपीएस इंटर कॉलेज ककवन में शिक्षक सुनील पांडेय गुरसहायगंज में थे। मूल्यांकन के लिए वह अकेले मोटरसाइकिल से निकल पड़े। सुभाष इंटर कॉलेज में उन्होंने मूल्यांकन किया। शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने मूल्यांकन बहिष्कार की कॉल दी थी लेकिन फेल हो गई। प्रांतीय मंत्री हेमराज सिंह गौर, जिलाध्यक्ष राकेश तिवारी, मंत्री अनिल सचान, आरसी यादव ने राष्ट्रीया में प्रदर्शन किया। शिक्षक इसमें शामिल तो हुए लेकिन फिर मूल्यांकन को चले गए।
मोहन विद्या मंदिर में इंटर केमिस्ट्री का भी मूल्यांकन शुरू हो जाने से परीक्षकों की संख्या अधिक हो गई। हॉल में लोग करीब-करीब बैठे थे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं था। यह स्थिति तब थी जब सेंटर पर दोपहर बाद तक कुल क्षमता के 50 फीसदी परीक्षक ही पहुंच पाए थे। फर्नीचर की कमी भी बताई जा रही थी। हालांकि जब हंगामा शुरू हुआ तो अन्य कमरे खुलवा स्थिति को सामान्य किया गया।