झींझक ब्लाॅक के बड़ागांव निवासी किसान प्रदीप ने बताया कि अभी तक लॉकडाउन में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल की कटाई को लेकर चिंता थी लेकिन सरकार द्वारा राहत मिलने से गेहूं की कटाई हो गई है, गेहूं भंडारण चल रहा है। अब खेतों में पलेवा करके मूंग व उड़द की फसल की बुवाई करेंगे। क्योंकि देश में संकट को घड़ी है। अचानक अगर सख्ती कर दी गई तो खेत खाली पड़े रहेंगे। वहीं किसान भगवानदीन ने बताया कि अभी तक चिंताएं बढ़ थी थी कि इन हालातों में खेतों में ही गेहूं सड़ जाएगा लेकिन शासन ने राहत देकर बहुत अच्छा काम किया। गेहूं कट चुका है अब किसान मूंग व धान की फसल की तैयारी करेंगे।
वहीं झींझक में बीज भंडार संचालक निवासी परजनी अमित तिवारी ने बताया कि इस समय किसान जायद उड़द, मूंग सहित खरीफ में मक्का की फसलों के बीज खरीददारी करने आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त सब्जियों में कद्दू, लौकी, तुरई, भिंडी आदि बीजों कि बिक्री हो रही है। खासतौर पर अभी फसलों में दवाओं का छिड़काव चल रहा है तो दवाइयों की बिक्री अधिकांश होती है। साथ ही गेहूं के भंडारण में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों मेलाथियान, एल्युमिनियम फास्फेट आदि दवाइयों को खरीद रहे हैं। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार सुबह 6 से 10 बजे तक दुकान खुलने का समय दिया गया है। इसलिए किसान सुबह के समय आते हैं और जरुरत के बीज व दवाओं की खरीद करते हैं। हालांकि इस दौरान ग्राहकों को सेनेटाइज कराने के बाद सोशल डिस्टेंस बनाकर सामान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस द्वारा भी लगातार डिस्टेंस को लेकर कहा जा रहा है।