केमिकल के जरिये लगाई आग उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च प्रावधिक विश्वविद्यालयों में शामिल कानपुर के हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड रूम में संदिग्ध परस्थितियों में आग लग गई। आग लगने से रिकॉर्ड रूम में रखे स्टूडेंट्स की मार्कशीट्स, डिग्रियां और कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गए। आग इतनी भवायह थी कि उसकी चपेट में कुछ स्टूडेंट्स आ गए लेकिन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने सकुशल निकाल लिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। एचबीटीयू के कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह ने बताया कि जिस रूम में आग लगी थी, उसकी खिड़कियां टूटी थीं। इससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी ने कैमिकल पदार्थ डालकर आग लगाई है। रिकार्ड रूम में लगी आग के पीछे के कारणों की जांच के लिए एचबीटीयू प्रशासन ने तीन प्रोफेसरों की कमेटी गठित कर दी है।
खिड़की टूटी हुई मिली जिस रूम मूं आग लगी थी वहां पर स्टूडेंट्स के साथ ही एचबीटीयू के अधिकारियों, प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स के रिकार्ड रखे थे। रूम की खिड़कियां टूटी पाई गईं। पुलिस ने रूम से कुछ ज्वलनशील पदार्थ भी बरामद किया है। कुलपति ने बताया कि आग खुद नहीं लगी बल्कि ये किसी की साजिश है और पुलिस के साथ विश्वविद्यालय अपने तरीके से जांच कर रहा है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं कुछ प्रोफेसरों ने बताया कि आग पूरी तरह सुनियोजित तरीके से लगाई गई है। आग के चलते स्टूडेंट्स के सारे दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं।
रिकॉर्ड रूम में फंसे प्रोफेसर धुएं से हो गए बेहोश हर रोज की तरह एचबीटीयम में प्रोफेसर, अधिकारी व स्टूडेंट्स अपना काम-काज निपटा रहे थे। तभी रिकॉर्ड रूम से धुएं का गुब्बारा दिखा। रिकॉर्ड रूम के अंदर बैठे कर्मचारी जान बचाकर भाग खड़े हुए। इस दौरान दो प्रोफेसर रिकॉर्ड रूम के अंदर फंस गए और धुंए के चलते बेहोश हो गए। वहां मौजूद स्टूडेंट्स ने जान में खेलकर दोनों को बाहर निकाला और उनकी जान बचाई। स्टूडेंट्स का कहना है कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा में तैनात गार्ड यहां आने-जाने वालों को नहीं रोकते। 24 घंटे विश्ववि़द्यालय परिसर से आवागमन होता है। इसके कारण अराजकतत्व ने इस कांड को अंजाम दे डाला। वहीं एक प्रोफेसर का कहना है कि आग कांड के पीछे यहीं के किसी कर्मचारी का हाथ है। पुलिस को जांच कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।