scriptSpecial News of GSVM: स्टेम सेल थेरेपी देने में हैलट बना प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज, लाइलाज बीमारियों में इस थेरेपी से मिलेगी राहत | First Stem Cell therapy in Hailat Kanpur GSVM Medical College in UP | Patrika News
कानपुर

Special News of GSVM: स्टेम सेल थेरेपी देने में हैलट बना प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज, लाइलाज बीमारियों में इस थेरेपी से मिलेगी राहत

इस थेरेपी को देने की पूरी पद्धति में 40 मिनट समय लगा। इस तरह हैलट यूपी का पहला स्टेम सेल थेरेपी देने वाला मेडिकल कॉलेज हो गया।

कानपुरOct 21, 2021 / 12:27 pm

Arvind Kumar Verma

हताश मां की गुहार, 'स्टेम सेल दान कर बेटे को बचाएं'

Special News of GSVM: स्टेम सेल थेरेपी देने में हैलट बना प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज, लाइलाज बीमारियों में इस थेरेपी से मिलेगी राहत

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. कानपुर का हैलट (Hailat Hospital) स्टेम सेल थेरेपी (Stem Cell Therapy) के मामले में प्रदेश में पहला मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) बन गया है। इस थेरेपी से लाइलाज रोगों का इलाज करने की शुरुवात बुधवार को हैलट में की गई। इसमें पहले केस में सेलिब्रल पैल्सी मरीज (Celibral Palsy Patients) को विशेषज्ञ डॉ. बीएस राजपूत द्वारा स्टेम सेल थेरेपी दी गई। इसमें मरीज की ही अस्थि मज्जा से स्टेम सेल (Stem Cell) निकाली गई और फिर कल्चर करने के बाद उसकी रीढ़ में डाली गई। थेरेपी को देने की पूरी पद्धति में 40 मिनट लगा। इस तरह हैलट यूपी का पहला स्टेम सेल थेरेपी देने वाला मेडिकल कॉलेज हो गया।
सेलिब्रल पैल्सी रोगी को दिया गया पहला थेरेपी

एसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्टेम सेल थेरेपी का यह पहला केस है। दरअसल कानपुर के गुमटी निवासी रोगी पैदाइशी सेरिब्रल पैल्सी का शिकार है। उसे दौरे पड़ते हैं और उठ-बैठ नहीं पाता। यहां तक कि उन्हें पाखाना-पेशाब का भी पता नहीं चलता। इसमें रोगी की ही अस्थि मज्जा से स्टेम सेल निकालकर कल्चर करने के बाद उसकी रीढ़ में डाल दिया गया। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि रीढ़ के जरिये स्टेम सेल सेरिब्रल पैल्सी मरीज के मस्तिष्क तक पहुंच जाती हैं। और फिर स्टेम सेल से क्षतिग्रस्त कोशिकाएं दुरुस्त होने लगती हैं।
इन रोगों के मरीजों को दी जाएगी ये थेरेपी

इस थेरेपी को आटिज्म, मांसपेशियों की डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल कॉर्ड की चोट के ऐसे रोगी जो 108 दिन के इलाज के बाद ठीक नहीं हुए, एएलएस, आस्टियो आर्थ्राइटिस, बर्जरी डिजीज, पेरीफ्रल आर्टरी डिजीज आदि रोगियों को दिया जाएगा। विशेषज्ञों ने रोगी को स्टेम सेल थेरेपी देने के पहले हैलट में ओपीडी की। डॉ. राजपूत ने पांच रोगी देखे। इनमें से जिन रोगियों में जरूरत होगी उन्हें अगले महीने के मंगलवार को थेरेपी दी जाएगी। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि थेरेपी में लाइलाज मर्ज के रोगियों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्टेम सेल थेरेपी की टीम में डॉ. काला, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. जीडी यादव, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर, रेजीडेंट डॉ. अभिषेक आदि रहे।

Hindi News/ Kanpur / Special News of GSVM: स्टेम सेल थेरेपी देने में हैलट बना प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज, लाइलाज बीमारियों में इस थेरेपी से मिलेगी राहत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो