सेलिब्रल पैल्सी रोगी को दिया गया पहला थेरेपी एसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्टेम सेल थेरेपी का यह पहला केस है। दरअसल कानपुर के गुमटी निवासी रोगी पैदाइशी सेरिब्रल पैल्सी का शिकार है। उसे दौरे पड़ते हैं और उठ-बैठ नहीं पाता। यहां तक कि उन्हें पाखाना-पेशाब का भी पता नहीं चलता। इसमें रोगी की ही अस्थि मज्जा से स्टेम सेल निकालकर कल्चर करने के बाद उसकी रीढ़ में डाल दिया गया। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि रीढ़ के जरिये स्टेम सेल सेरिब्रल पैल्सी मरीज के मस्तिष्क तक पहुंच जाती हैं। और फिर स्टेम सेल से क्षतिग्रस्त कोशिकाएं दुरुस्त होने लगती हैं।
इन रोगों के मरीजों को दी जाएगी ये थेरेपी इस थेरेपी को आटिज्म, मांसपेशियों की डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल कॉर्ड की चोट के ऐसे रोगी जो 108 दिन के इलाज के बाद ठीक नहीं हुए, एएलएस, आस्टियो आर्थ्राइटिस, बर्जरी डिजीज, पेरीफ्रल आर्टरी डिजीज आदि रोगियों को दिया जाएगा। विशेषज्ञों ने रोगी को स्टेम सेल थेरेपी देने के पहले हैलट में ओपीडी की। डॉ. राजपूत ने पांच रोगी देखे। इनमें से जिन रोगियों में जरूरत होगी उन्हें अगले महीने के मंगलवार को थेरेपी दी जाएगी। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि थेरेपी में लाइलाज मर्ज के रोगियों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्टेम सेल थेरेपी की टीम में डॉ. काला, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. जीडी यादव, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर, रेजीडेंट डॉ. अभिषेक आदि रहे।