यह भी पढें: कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद न करें इनका दोबारा इस्तेमाल, फिर हो सकती ये समस्या फार्च्यून अस्पताल के डॉ. मनीष वर्मा ने बताया कि बिरहाना रोड निवासी मरीज की हालत नाजुक है जबकि अन्य मरीजों की हालत स्थिर है। ये खतरनाक बीमारी है। इसमें दो तरह की एंटी फंगल दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। इस बीमारी का शुरुवात से इलाज करके मरीज को बचाया जा सकता है। संक्रमण बढ़ने पर ब्रेन तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज की जान जा सकती है। हवा में यह वायरस होने से कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इसकी चपेट में आते हैं।
बताया गया कि कोरोना के लंबे इलाज और स्टेरॉयड के इस्तेमाल से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। कोरोना के डायबिटिक मरीजों को इस बीमारी का सर्वाधिक खतरा है। डॉ. मनीष वर्मा ने बताया कि अस्पताल में इन मरीजों के उपचार के लिए एक न्यूरो सर्जन, दो ईएनटी सर्जन, एक आई-सर्जन और एक फिजीशियन आदि पांच डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है। नेत्र सर्जन डॉ. संजीव रोहतगी ने बताया कि बिरहाना रोड वाले मरीज की आंख बचाने की कोशिश की जा रही है। नियमित रूप से ड्रेसिंग कर ब्लैक टिश्यू निकाले गए हैं।