सिविल लाइंस स्थित एचडीएफसी बैंक के गोल्ड लोन घोटाले में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज के रूप में अहम साक्ष्य मिल गए हैं। पुलिस ने पीतल रखकर गोल्ड लोन देने के मामले में सिविल लाइंस ब्रांच प्रबंधन ने १२ जनवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी जांच चल रही है।
बैंक शाखा के मैनेजर रोहिल सक्सेना ने वैल्युअर गुलाम शब्बीर, लुकसान अहमद, नफीस अंसारी, मोहम्मद असलम ने पीतल के नकली जेवरात रखकर एक करोड़ ३४ लाख १८ हजार रुपए लिए थे। इस मामले में पुलिस ने संदेह के घेरे में आए कई लोगों से अलग-अलग कई चरणों में पूछताछ भी की थी।
जांच के दौरान पाया गया कि सीसीटीवी फुटेज में ब्रांच मैनेजर रोहिल सक्सेना के केबिन में फर्जी लोन कराने की पूरी प्रक्रिया कैद है। इसमें नकली जेवरों को लॉकर में रखने से लेकर लोन पास होने और रूपए का बंटवारा रिकार्ड हुआ है। फुटेज में ब्रांच मैनेजर को हर बार केबिन में रखे काले बैग से नकली जेवरात निकालते देखा गया है।
गोल्ड लोन घोटाले में अभी तक पुलिस एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है। सभी आरोपी घर पर ताला बंद कर फरार हो चुके हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। फिलहाल पुलिस फुटेज की जांच कर रही है। जिसके बाद इसे घोटाले के साक्ष्य के रूप में पेश किया जाएगा। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बैंक के गोल्ड लोन एक्जिक्यूटिव बलवीर का नाम भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है।