कानपुर। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने यूपी फतह करने कर शंखदान कर दिया है। जिसके तहत केंद्र व राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षदख् सरपंच और पदाधिकारी गांव-गांव जाकर चौनाल लगा रहे हैं और मोदी-योगी सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ उसे जमीन पर उतारने के लिए अफसरों को लगा रहे हैं। खुद सीएम के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या तीन मई को घाटमपुर तहसील के पतारा विकास खंड के छांजा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में 3 मई को रात्रि विश्राम करेंगे। गांव की दलित बेवा महिला छुन्नी देवी कोरी के घर खाना खाएंगे। साथ ही रात में ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाएंगे। कानपुर नगर व देहात के सभी अफसरों को मौके पर रहने के आदेश सरकार की तरफ से दिए गए हैं। भाजपा के ऑपरेशन विलेज से सपा और बसपा के नेता खासे भयभीत नजर आ रहे हैं। क्योंकि क्षत्रपों का वोटबैंक शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा है और भाजपा के इस मिशन से बड़ी संख्या में वोटर्स भगवा खेमें में जा सकते हैं। इसी के चलते
अखिलेश यादव ने जिलध्यक्षों से योगी सरकार की असफल योजनाओं की डिटेल मांगी है।
इस लिए गांवों की तरफ बढ़ाए कदम 2017 विधानसभा चुनाव के वक्त पीएम मोदी का जादू यूपी में सिर चढ़कर बोला और आजादी के बाद भगवा बिग्रेड को 325 सीटों पर जीत हासिल हुई। जीत के बाद
योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य के सीएम बनें और एक सप्ताह के अंदर कई एतिहासिक फैसले कर राजनीतिक दलों के अलावा ब्यूरोकेट्स की नींद ***** कर दी। पर तीन माह के बाद सरकार को सरकारी बाबुओं ने अपने कब्जे में कर लिया और विकास का पहिया कागजों में ही दौड़ा। जिसका नतीजा रहा कि निकाय में भाजपा को गांवों में हार के साथ सपा-बसपा का वोट प्रतिशत बढ़ने के साथ ही गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा को हार उठानी पड़ी। दलित के साथ किसान और ओबीसी वोटर्स 2017 के चुनाव में भाजपा के साथ था पर निकाय चुनाव के वक्त हाथी और साइकिल पर सवार हो गया। जिसके कारण बुंदेलखंड के साथ कानपुर की घाटमपुर, बिल्हौर सहित सभी नगर पालिका सीटों पर भाजपा को हार उठानी पड़ी।
… बजाए कागजों में योजनाएं दरअसल, तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद प्रदेश में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की डिलीवरी जमीन पर नहीं पहुंचने और थाने, तहसील, अस्पताल, व सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े कर्मियों की कार्यशैली से जुड़ी शिकायतें कम नहीं हो रही हैं. इसके अलावा जिले के डीएम और कप्तान द्वारा आम जनता की समस्याओं को सुनने में भी कोताही बरती जा रही है। जिसकी जानकारी पार्टी हाईकमान के पास तक पहुंच गई थी, लिहाजा अब मुख्यमंत्री सप्ताह में एक या दो दिन औचक निरीक्षण करेंगे। साथ ही सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि और ब्यूरोकेट्स भी हरदिन गांव में डेरा डालकर चौपाल लगा रहे हैं। इस मिशन में कुछ हद तक भाजपा को सफलता भी मिलती दिख रही है। राजनीतिक विशेशज्ञों का कहना है कि भाजपा की यह रणनीति 2019 के चुनाव में कारगर साबित होगी। अभी तक सूबे की जितनी सरकारें रहीं, वह जनता के सीधे रूबरू नहीं हुई। सीएम योगी के जनता से सीधे जुड़ने से पार्टी को फाएदा होना लाजिमी है।
इस गांव में डिप्टी सीएम की सजेगी चौपाल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद पतारा विकास खंड के छांजा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में 3 मई को रात्रि विश्राम करेंगे। गांव की दलित बेवा महिला छुन्नी देवी कोरी के घर खाना खाएंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के मद्देनजर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने गांव में डेरा जमाना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम को जिस घर में खाना खाना है, उसका चयन इसलिए किया गया है कि अंदर खुली जगह और चौड़ा आंगन है। 20-25 लोग एक साथ आसानी से बैठकर भोजन कर सकते हैं। घर के आगे और पीछे की ओर भी खुली जगह है। वहीं जिस घर में डिप्टी सीएम के भोजन की व्यवस्थाप्रस्तावित है, उस घर के शौचालय का दरवाजा आंधी में उड़ गया था। गृहस्वामिनी छुन्नी देवी कोरी ने बताया कि इसके बाद किसी तरह उसने प्लास्टिक का दरवाजा लगवाया है जिसकी कुंडी टूट जाने से उसे रस्सी के सहारे बांधना पड़ता है। लेकिन डिप्टी सीएम के आने की जानकारी पर प्रधान और सचिव ने नया दरवाजा लगवा दिया है।
गइगद है बेवा छुन्नी देवीछांजा गांव निवासी छुन्नी देवी के पति दिवंगत भगवानदीन कोरी घाटमपुर चीनी मिल में संविदा पर गन्ना पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2009 में चीनी मिल बंद हो गई और वर्ष 2010 में भगवानदीन की बीमारी से मौत हो गई। छुन्नी देवी ने बताया कि पति की मौत के बाद उसे मात्र 1900 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है। पति के नाम मात्र एक बीघा कृषिभूमि है जिसमें खाने भर को अनाज पैदा नहीं होता है। बड़ी बेटी वंदना की शादी हो चुकी है। उससे छोटी बेटी रमा देवी स्नातक और अविवाहित है। सबसे छोटा बेटा रवींद्र कुमार बड़ी बहन के यहां पानीपत (हरियाणा) में रहकर पालीटेक्निक कर रहा है। घर में छुन्नी देवी और उसकी छोटी बेटी रमा रहते हैं। छुन्नी देवी ने बताया उनके घर अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले अधिकारियों के साथ आए और बताया कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या उनके घर पर खाना खाएंगे तो उसे बेहद खुशी हुई। डिप्टी सीएम को खाना खिलाना उसका सौभाग्य होगा। वह डिप्टी सीएम से अपनी बेटी और बेटे को नौकरी दिलाने की गुहार करेगी।
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