दरअसल मदारपुर गांव के रहने वाले राकेशनाथ बाजपेई के पिता की 21 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद वरासत में पिता की खेती की खतौनी में गलत नाम राकेश कुमार दर्ज हो गया, जबकि उनका वास्तविक नाम राकेशनाथ बाजपेई है। उन्होंने वरासत (Virasat abhiyan) में नाम सही कराने के प्रयास शुरू किए। गुजरात प्रदेश में सरकारी सेवा में कार्यरत होने के बावजूद लाख कवायद की, लेकिन खतौनी में उसका नाम सही नही हो सका। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। इस बार राकेश ने राजस्व परिषद में ऑनलाइन शिकायत की। जिसके बाद कानपुर देहात के जिलाधिकारी डॉ दिनेशचंद्र (District Magistrate Kanpur Dehat) ने महज 21 मिनट में 21 साल की राकेश की समस्या का निदान करते हुए नाम सही अंकित करा दिया।
Read: अब बिना सिंचाई खेतों में होगी गेहूं और जौं की फसल, सीएसए वैज्ञानिकों ने किया शोध इस तरह डीएम ने किया निदान जिलाधिकारी ने पहले तो राकेश से फोन के माध्यम से वार्ता कर समस्या समझी। उसके बाद जिलाधिकारी ने राकेश से ऑनलाइन ही उसके दस्तावेज मंगवाए और युद्ध स्तर पर दस्तावेजों की जांच कराकर खतौनी में नाम सही करा दिया। जिसके बाद खतौनी (Khatauni) में राकेश कुमार की जगह सही नाम राकेशनाथ बाजपेई हो सका। इस तरह राकेश कुमार को अपनी सही पहचान मिल सकी। वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश पर वरासत अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुजरात प्रदेश में सरकारी सेवा में कार्यरत राकेशनाथ बाजपेई ने खतौनी में नाम गलत दर्ज होने की शिकायत की थी। राकेशनाथ बाजपेई गुजरात प्रदेश में सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। उनसे ऑनलाइन दस्तावेज मंगवाकर उनका 21 साल पुराना दर्ज गलत नाम सही करा दिया गया है।