scriptराजस्व वसूली में इस जिले ने मारी बाजी, अव्वल स्थान पाकर शासन को दिया बड़ा फायदा | in recovery of electric bill this district first kanpur dehat | Patrika News
कानपुर

राजस्व वसूली में इस जिले ने मारी बाजी, अव्वल स्थान पाकर शासन को दिया बड़ा फायदा

इस बार प्रति यूनिट बिजली के राजस्व वसूली के मामले में कानपुर देहात ने बाजी मार दी है।

कानपुरFeb 07, 2019 / 10:44 pm

Arvind Kumar Verma

yogi

राजस्व वसूली में इस जिले ने मारी बाजी, अव्वल स्थान पाकर शासन को दिया बड़ा फायदा

कानपुर देहात-बिजली विभाग में वसूली को लेकर शासन पूर्ण रूप से सख्त हो चुकी है। क्योंकि बिजली विभाग से राजस्व की बहुत बड़ी हानि हो रही थी। इसलिए सरकार ने उपभोक्ताओं को सरचार्ज माफ कर भुगतान करने की पहल की। इसको लेकर जिलों में विधुत सबस्टेशनों पर कैम्प लगाये जा रहे हैं। बीते दिनों कानपुर देहात में सबस्टेशन सर्किल की वसूली को देखते हुए जिला कुछ खास तवज्जो नही दे सका था, लेकिन इस बार प्रति यूनिट बिजली के राजस्व वसूली के मामले में कानपुर देहात ने बाजी मार दी है। वसूली के मामले में पूरे ज़ोन में कानपुर देहात जिला अव्वल साबित हुआ है। वहीं अन्य जिलों में कम यूनिट मूल्य मिलने से कानपुर जोन का थ्रू रेट नीचे खिसक गया है। इसमें बदहाल स्थिति में कन्नौज और इटावा जनपद हैं। यहां सबसे अधिक लाइनलॉस होने से प्रति यूनिट राजस्व सबसे कम आ रहा है।
थ्रू रेट में इस स्थिति पर हैं जिले

विधुत व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ साथ अफसरों का लाइनलॉस घटाने का प्रमुख उद्देश्य है। हालांकि अभी भी कई ऐसे फीडर हैं, जहां पर लाइनलॉस 40 से 50 फीसदी के आसपास है। लाइनलॉस अधिक होने से उपलब्ध यूनिट के अनुसार विभाग को राजस्व सही से नहीं मिल पाता है। ऐसे में थ्रू रेट काफी कम होता है। कानपुर जोन के 6 जिलों में कानपुर देहात का थ्रू रेट सबसे अधिक है। औरैया दूसरे, कानपुर नगर तीसरे, फर्रुखाबाद चौथे, कन्नौज पांचवें और इटावा सबसे अंतिम स्थान पर है।
आखिर क्या होता है थ्रू रेट

बताया गया कि कुल प्राप्त ऊर्जा यूनिट के अनुसार प्राप्त कुल राजस्व के आधार पर ही थ्रू रेट यानी प्रति यूनिट बिजली मूल्य का निर्धारण होता है। वर्तमान समय में जिले में प्रतिदिन 75 से 80 मिलियन यूनिट बिजली की मांग है। ग्रामीण क्षेत्र में अभी लाइनलॉस में अपेक्षित सुधार नही हुआ है। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता कहते हैं कि जिले में काफी कम हुआ है। ब्याज माफी समाधान योजना में बकाया राजस्व का 35 फीसद वसूला जा चुका है। मार्च अंत तक इसमें 40 फीसद और जुड़ने की उम्मीद है।
अधीक्षण अभियंता कानपुर देहात श्रीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के रनियां व जैनपुर में औधोगिक इकाईयां हैं। उन्होंने बताया कि करीब 22 करोड़ रुपये उद्यमों से प्रति माह आता है। यहां दी गयी बिजली के अनुसार राजस्व की रिकवरी बेहतर है। लाइनलॉस की स्थिति में सुधार से थ्रू रेट अधिक है। अभी और भी इम्प्रूवमेंट की गुंजाइश है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो