यूपीसीडा सहित सभी प्राधिकरणों, निगम और आवास विकास परिषद की योजनाओं में स्वीकृत नक्शे के विपरीत या अतिरिक्त निर्माण को अवैध निर्माण माना जाता है। इस तरह के हर निर्माण को वैध घोषित कराने के लिए शमन शुल्क जमा करके वैध कराया जाता है। अन्यथा वह अवैध माना जाता है।
अभी तक किसी भी अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए १० रुपए प्रतिवर्गमीटर का शमन शुल्क लगता था। अगर किसी ने १००० वर्गमीटर के भूखंड पर ५०० वर्गमीटर का अवैध निर्माण कराया है तो उससे ५०० वर्गमीटर पर शमन शुल्क वसूला जाता है। इस हिसाब से ५०० वर्गमीटर का शमन शुल्क ५००० हजार वसूला जाता था जो अब बढ़कर ५० हजार हो गया है।
शुल्क बढ़ाने के साथ-साथ नियम में एक और बदलाव किया गया है। पहले भूखंड पर कराए गए अवैध निर्माण के क्षेत्रफल पर ही शमन शुल्क वसूला जाता था पर अब उस पूरे भूखंड के हिसाब से वसूली की जाएगी। निर्माण चाहे पूरे भूखंड पर हो या उसके थोड़े से हिस्से पर। अब भूखंड के कवर्ड एरिया की जगह पूरे भूखंड पर शमन शुल्क देना होगा।
शमन शुल्क बढ़ाए जाने के पीछे यूपीसीडा अफसरों का अलग तर्क है। अफसरों का कहना है कि शमन शुल्क बढ़ाए जाने से अब औद्योगिक क्षेत्र में लोग अवैध निर्माण करने से बचेंगे, क्योंकि ऐसा करने पर उनसे भारी जुर्माना वसूला जाएगा। इसी कारण शमन शुल्क बढ़ाया गया है।