वृक्षों को संरक्षित करने का भी संकल्प विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि हमें अपनी जीवनशैली पर्यावरण अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। विपत्ति के समय में पेड़ पौधे ही हमारे जीवन का आधार बनते है। मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं ने पेड़ पौधों को जो नष्ट किया है उसी कारण से जलवायु की अनियमितता सामने आयी है। जिस माह में बरसात होनी चाहिए वह माह अब सूखाग्रस्त रहता है। जबकि उन महीनों में बरसात होती है। जब पानी की आवश्यकता कम होती है। निश्चित रूप से यह पेड़ पौधों के निरंतर कम होने का ही परिणाम है। इस लिया हम जिन वृक्षों को लगाये उन्हें संरक्षित करने का भी संकल्प ले। तभी इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।
जरूरी है कि जल के स्रोतों को बचाना – डीएम वही डीएम नेहा जैन ने कहा कि आने वाला समय जल संग्रहण की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरे विश्वयुद्ध का कारण जल ही होगा। इस लिए जरूरी है कि जल के स्रोतों को बचाना होगा। उन्होंने प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं का उपयोग न करने की सलाह दी। क्योकि प्लास्टिक पर्यावरण की दृष्टि से सर्वाधिक घातक है, आज के दिन हमें एक और संकल्प लेना होगा कि हमारे द्वारा जो तम्बाकू उत्पादों का प्रयोग किया जा रहा है उसको तत्काल बन्द करना होगा। विकल्प के तौर पर आप सौफ का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू निषेध हेतु जो भी ग्राम प्रधान उल्लेखनीय कार्य करेगा उसे आगामी 31 मई को सम्मानित किया जायेगा। वही सीडीओ सौम्या पाण्डेय ने कहा कि पर्यावरण को सरंक्षित करने के लिए हमें अपने भविष्य की पीढ़ियों के लिए कृत संकल्पित होना होगा। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए समूह की महिलाऐं इसमें उल्लेखनीय भूमिका निभा सकती है।
यह लोग रहे मौजूद विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीएमओ डा.ए.के सिंह, बीएसए रिद्धी पाण्डेय, डीडीओ गोरखनाथ भट्ट आदि अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित रहे। वहीं जनपद के विभिन्न विद्यालयों में भी बच्चों व शिक्षकों द्वारा वृक्ष लगाकर पर्यावरण संरक्षण करने हेतु संदेश दिया गया।