एग्जिट पोल और रुझानों से भाजपा की बल्ले-बल्ले सियासत की महाभारत में मुकाबला दिलचस्प है। मिशन 2019 के लिए एग्जिट पोल से भाजपा को चहकने का मौका मिला तो विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए खीज उतारना शुरू कर दिया। बहरहाल, कानपुर और अकबरपुर के चुनावी रुझानों से भाजपा की बल्ले-बल्ले हुई है। मतदान के दिन से स्पष्ट हो गया था कि कानपुर मंडल की चार लोकसभा सीटों पर यानी इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और अकबरपुर में मुख्य मुकाबला भाजपा बनाम गठबंधन है, जबकि कानपुर नगर की सीट पर कांग्रेस के साथ भाजपा की सीधी टक्कर हुई थी। अलबत्ता भितरघात और वोट-कटवा प्रत्याशियों के कारण उम्मीदवारों का ब्लडप्रेशर हाई था। भाजपा हाईकमान की सख्त निगरानी के कारण भाजपा नेताओं-विधायकों ने मतभेद-मनभेद भुलाकर चुनाव के दरम्यान एकजुटता दिखाई, इसी के साथ जातीय समीकरणों के सहारे इटावा में इतिहास दोहराने की कोशिश हुई। कन्नौज में ‘भाभी’ से वोटरों की नाराजगी को भुनाकर कन्नौज में इतिहास रचने का जतन हुआ, लेकिन मतदाताओं ने राजनीतिक दलों को दिखा दिया कि जाति और धर्म के फरेब से दूर रहकर सयानी राजनीति कैसे होती है।