यह घटना कानपुर दक्षिण क्षेत्र के निरालानगर इलाके में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में घटी। जैसे ही एमपी फाइव मशीनगन लेकर एसपी त्यागी बैंक में दाखिल हुईं तो किसी को कुछ समझ में ही नहीं आया। एसपी ने बैंक की महिला कर्मियों को बोला कि तुम्हें बदमाशों ने चारो ओर से घेर लिया है तो उनके पसीने छूट गए। एसपी की मॉकड्रिल में बैंककर्मी फेल हो गए। किसी ने सतर्कता बरती ही नहीं और न ही पुलिस को सूचना देने की कोशिश की। इस लापरवाही पर एसपी ने नाराजगी जताई।
एसपी का पारा तब चढ़ गया जब उनके बार-बार कहने पर सहायक प्रबंधक रुबीना अहमद ने इमरजेंसी सायरन का बटन दबाया तो वह बजा ही नहीं। पता चला कि वह बंद है। इस पर एसपी ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई। इतना ही नहीं, कहने के बावजूद कोई भी डायल १०० को सूचना नहीं दे पाया। किसी के पास भी थाना या चौकी प्रभारी का नंबर नहीं था।
यह वही बैंक शाखा है जहां सात साल पहले तीन बीटेक छात्रों ने अनोखे अंदाज में डकैती डाली थी, जिसका खुलासा करने में पुलिस को काफी मुश्किल हुई थी, क्योंकि छात्रों ने एक हॉलीवुड फिल्म से डकैती का ऐसा आइडिया निकाला था कि पुलिस उन तक एक अनोखे तरीके से ही पहुंच सकी थी।
जब एसपी ने सुरक्षा संसाधनों को चेक किया तो फायर उपकरण स्टोर में बंद थे। आग लगने की स्थिति में बचाव का इंतजाम मौके पर था ही नहीं। इसके अलावा एसपी ने बाबूपुरवा के चारराड चौराहा और बाकरगंज शाखा का भी निरीक्षण किया।