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कानपुर

अब सरकारी स्कूल के बच्चे बन सकेंगे माडर्न, सरकार ने ऐसा खाका किया तैयार, ऐसे 2278 स्कूलों में होगी ये सुविधा

परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जल्द ही रोचक पुस्तकें स्कूल में ही पढ़ने को मिलेंगी। हालांकि इसके लिए खाका तैयार हो चुका है।

कानपुरMar 30, 2019 / 02:51 pm

Arvind Kumar Verma

yogi

अब सरकारी स्कूल के बच्चे बनेंगे माडर्न, सरकार ने ऐसा खाका किया तैयार, ऐसे 2278 स्कूलों में होगी ये सुविधा

कानपुर देहात-सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को निजी विधालयों की तर्ज पर बनाने का जो प्रण किया है। इसी के चलते अब सरकार कान्वेंट स्कूलों की तरह परिषदीय विधालयों में पुस्तकालय खुलवाने की योजना बना चुकी है। इससे परिषदीय स्कूलों के बच्चे किताबी ज्ञान के अतिरिक्त सामान्य व सामाजिक ज्ञान कर निजी विधालयों के बच्चों के समतुल्य हो सकेंगे। इस तरह परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जल्द ही रोचक पुस्तकें स्कूल में ही पढ़ने को मिलेंगी। हालांकि इसके लिए खाका तैयार हो चुका है। पुस्तकालय प्रबंधन को लेकर बीएसए कार्यालय में तीन दिवसीय जनपद स्तरीय प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसमें पुस्तकालय संबंधी रख रखाव की जानकारी दी गयी है।
सरकार द्वारा पढ़े भारत बढ़े भारत के तहत परिषदीय स्कूलों को कॉवेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाओं से युक्त करने की कवायद चल रही है। जिसमें स्कूलों का शैक्षिक स्तर सुधारने के साथ ही स्कूलों में सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं। इसी क्रम में बीते दिनों प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पुस्तकालय खोले जाने पर मुहर लगी थी। प्राथमिक स्कूलों को पांच हजार और उच्च प्राथमिक स्कूलों को दस हजार रुपये की धनराशि पुस्तकालय के लिए स्वीकृत की गयी। पुस्तकालय में बच्चों के लिए पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों के साथ ही सामान्य ज्ञान व रोचक कहानियों की पुस्तकें शामिल होंगी।
पुस्तकालय को सुव्यवस्थित रखने के साथ ही पुस्तकों का रखरखाव करने आदि जानकारी को लेकर बीएसए कार्यालय में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। 26 से 28 मार्च तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रत्येक विकास खंड से प्राथमिक स्तर के 4 प्रतिभागियों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है। बताते चलें कि जनपद के कुल 2,278 परिषदीय स्कूलों में पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे। इनमें 1604 प्राथमिक विद्यालय व 674 उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। पुस्तकालय के लिए ऐसे विद्यालयों का चयन किया गया है जिसमें छात्र छात्राओं की संख्या 60 से अधिक है।
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