रेलवे बोर्ड में बीते दिनों हुई मीटिंग में रेलमंत्री ने राजधानी व शताब्दी के कपलिंग में सुधार लाने के साथ ही अधिकारियों को ट्रैकों के मेंटीनेंस पर भी विशेष ध्यान देने का आदेश दिया है. उन्होनें कहा कि कपलिंग व ट्रैकों की खामियों की वजह से ट्रेनों में सफर के दौरान यात्रियों को झटके लगते हैं. इस समस्या से यात्रियों को निजात दिलाने के लिए एलएचबी कोचों की कपलिंग में सुधार लाने का प्लान बनाया गया है.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कानपुर से चलने वाली रिवर्स शताब्दी व दिल्ली से वाया कानपुर होकर लखनऊ चलने वाली स्वर्ण शताब्दी की कपलिंग में दिसंबर तक बदलाव कर दिया जाएगा. जिसके बाद इस सुविधा का लाभ लाखों कानपुराइट्स भी उठा सकेंगे. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, स्वर्ण शताब्दी नार्दन रेलवे जोन की ट्रेन होने की वजह से यह सुविधा यात्रियों को उस ट्रेन में अक्टूबर माह से ही मिलने की संभावना जताई जा रही है.
ट्रेन के कोचों को आपस में जोड़े रखने के लिए कोचों के बीच में कपलिंग लगाई जाती है, जोकि दो प्रकार की होती है. पहले ट्रेन के कोचों के बीच में हुक कपलिंग लगाई जाती थी. जोकि अभी भी पैसेंजर ट्रेनों में लगी होती है. जिसमें बीते वर्षों रेलवे ने बदलाव करते हुए सीबीसी कपलिंग लगाना शुरू कर दिया है. जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं में कोच एक दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं. इससे यात्रियों के घायल होने की आशंका कम होती है.
एनसीआर के सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने कपलिंग में सुधार लाने का प्लान तैयार किया है. प्रथम चरण में यह सुधार राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में किया जाएगा.