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कानपुर

राष्ट्रपति के गांव में भी ओडीएफ को लेकर फंसा पेंच

कुछ पंचायतों में प्रधानों ने धन की समस्या बताते हुए हाँथ पीछे कर रखे हैं। जिससे ओडीएफ योजना रेंगती नजर आ रही है।

कानपुरJan 20, 2018 / 02:13 pm

Ashish Pandey

ODF matter

ODF matter

कानपुर देहात. जनपद को ओडीएफ (ओपेन डेफेकेशन फ्री) कराने के लिए जिले का पंचायती राज विभाग अभी कछुआ गति से ही चल रहा है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना और स्वच्छता का संदेश देने को लेकर किए जा रहे प्रयास में कई जगह रोड़ा अटक रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण राष्ट्रपति का परौंख गांव है। महामहिम के गांव में प्रधान की मांग व पंचायती राज विभाग के मानक को लेकर पेंच फंसा है। इसके कारण परौंख अभी तक ओडीएफ नहीं हो सका है। जबकि अक्टूबर 2018 तक जिले को ओडीएफ करने का लक्ष्य था।
फिलहाल इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बावजूद इसके कई ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण को लेकर बाधाएं आ रही हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में ग्रामीण रुचि नहीं ले रहे हैं, तो कुछ पंचायतों में प्रधानों ने धन की समस्या बताते हुए हाँथ पीछे कर रखे हैं। जिससे ओडीएफ योजना रेंगती नजर आ रही है।
चर्चाओं का बाजार गर्म रहा
जबकि रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनाते ही कई योजनाएं गांव में लाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा जिनमे से ओडीएफ भी सम्मिलित थी लेकिन चर्चा में रहने के बाद भी परौंख अभी तक ओडीएफ नहीं हो सका है। यहां ग्राम प्रधान ने अपने गांव की आबादी का रिकार्ड देते हुए 700 शौचालय की मांग जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) से की थी। मामला राष्ट्रपति के गांव का होने के कारण अफसरों ने आनन फानन में सबसे पहले इस गांव को ही ओडीएफ कराने की ठानते हुए पहल शुरू की। इसके लिए कानपुर की एक बड़ी डिटर्जेंट कंपनी ने शौचालय निर्माण का जिम्मा भी लिया, लेकिन इस संस्था ने मात्र 15 शौचालय बनाने के बाद ही अपने हाँथ पीछे खींच लिए। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अब संबंधित कार्य की जिम्मेदारी सार्वजनिक शौचालय के क्षेत्र में काफी दिनों से काम कर रही कंपनी को दे दी है।
700 परिवारों को पात्र बता शौचालय की मांग रखी है
अब ग्राम प्रधान चंद्रकली पर ओडीएफ की जिम्मेदारी आई तो बात आंकड़ो में फंस गई। जिला पंचायत राज विभाग की माने तो बेस लाइन सर्वे में परौंख में पात्रों की संख्या 426 दर्ज है। जबकि प्रधान के पति बलवान सिंह ने गांव में शौचालय के लिए 700 परिवारों को पात्र बता शौचालय की मांग रखी है। विभाग और ग्राम प्रधान के बीच चल रही आंकड़ेबाजी में अभी तक परौंख में शौचालयों का निर्माण अधर में लटका हुआ है।
जबकि मिशन निदेशक पंचायती राज ने पहले अक्टूबर 2018 तक प्रत्येक दिशा में जिले को ओडीएफ कराने की बात कही थी। जिले में एक लाख 19 हजार शौचालयों का निर्माण कराना था। जिसमें अभी तक 27 हजार शौचालयों का निर्माण कराया जा सका है। 92 हजार शौचालयों का निर्माण अभी शेष है। जिला स्वच्छ भारत प्रेरक आलिया के अनुसार मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में देकर हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

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