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कानपुर

राम रे राम यहां के डॉक्टर्स बनें यमराज, खुद को बताया हैलट का चीफमिनीस्टर

औरैया से आई युवती को नहीं किया एडमिट, पूरी रात खुले में दर्द से कराहती रही पीड़िता

कानपुरJul 18, 2018 / 11:21 am

Vinod Nigam

patient not admit by Hallet hospita in kanpur up news hindi

राम रे राम यहां के डॉक्टर्स बनें यमराज, खुद को बताया हैलट का चीफमिनीस्टर

कानपुर। हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्ज दिया गया है, क्योंकि वह मरते हुए इंसान को बचाते है। लेकिन हैलट अस्पताल के डॉक्टर भगवान तो बहुत दूर की बात, वह इंसान भी बनने के लायक नहीं हैं। अंश की मौत के बाद लोगों ने सोचा था कि हैलट के डॉक्टर सुधर जाएंगे, लेकिन वह आज भी यमराज बने हुए हैं। सोमवार की देररात औरैया निवासी अजय अपनी बहन का इलाज कराने के लिए हैलट पहुंचे। रात ड्यिटी में तैनात डॉक्टर्स ने पहले रेफर लेटर मांगा और नहीं देने पर वार्ड से बाहर चले जाने को कहा। पर राजेश ने विरोध कर सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की धमकी तो डॉक्टर्स का पारा चढ़ गया और उसे धक्का मार गेट के बाहर कर कहा कि हैलट में हमारी सरकार है और नियम कानून हम बनाते हैं। जा अब सीएम से आराम से शिकायत दर्ज करा।
हैलट के बाहर करवाया
औरैया निवायी राजेश अपनी छोटी बहन जो पेट दर्द से पीड़ित थी उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे। रात के वक्त ड्यिटी में तैनात डॉक्टर्स ने मरीज को देखने से पहले रेफर का पर्चा मांगा। युवती के भाई ने कहा जल्दबाजी में रेफर लेटर नहीं बनवा पाए हैं, सुबह मंगवा कर दें देंगे। जिस पर डॉक्टर्स ने कहा कि गुरू अब मरीज का सुबह ही इलाज हम करेंगे। अब तुम इसे लेकर सामने प्राईवेट अस्पताल में ले जाकर एडमिट करवा दो। कुछ आराम मिल जाए तो ले आना, नही ंतो वहीं इलाज करवाना। राजेश ने डॉक्टर्स को गरीबी का हवाला देकर पैर पकड़ लिए और बहन की जान बचाने की गुहार लगाने लगा। बावजूद हैलट के डॉक्टर्स को दिल नहीं पसीजा और मरीज को वार्ड से बाहर करने का आदेश वार्ड ब्वाय को दे दिया।
मुख्यमंत्री से करूंगा शिकायत
जब डॉक्टर्स राजेश की बहन का इलाज करने से इंकार कर उसे बाहर करने के लिए वार्ड ब्वाय आ गए तो उसने अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगा। जिससे गुस्साए डॉक्टर्स ने मोबाइल छीन लिया और उसके गाल में कंटाप जड़ वीडियो डिलीट कर दिया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की बात कही तो एक डॉक्टर ने उससे कहा कि बाबू यहां के सिकंदर, राजा और मुख्यमंत्री हम ही हैं। यहां तुम्मारे सीएम का राज नहीं बल्कि हमारी सरकार चलती है। चुपचाप बहन को गोद में उठाओ यहां से निकल जाओ नही ंतो खुद तो मरोगा साथ में बहन को भी अपने साथ यमलोक ले जाओगे। पीड़ित का आरोप है कि वार्ड ब्वाय के जरिए हमें जबरन अस्पताल से बाहर करा डॉक्टर्स अंदर चले गए।
पूरी रात तड़पती रही युवती
इलाज नहीं होने से युवती की हालत बिगड़ने लगी तो भाई का धैर्य जवाब देने लगा। तभी वहां एक मरीज के तीमारदार ने उसकी मदद की। प्रार्दवेट डॉक्टर को फोन कर युवती की बीमारी बताई और दर्द से छुटकारा मिले इसके लिए दवा लिखवाई। डॉक्टर की बताई दवा लेकर राजेश आया और बहन को दी। दवा खाने के बाद उसे आराम मिला और पूरी रात राजेश अपनी बहन का सिर गोद में रख कर ख्ुले में बिताया। सुबह के वक्त राजेश ने पूरे मामले की शिकायत लेकर सीएमएस के पास गया तो उन्होंने गोलमाल जवाब देकर उसे टरका दिया। जिसके चलते राजेश अपनी बहन को लेकर औरैया चला गया।
बोले जिम्मेदार
हैलट अस्पताल के सीएसएम ने बताया कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है। बावजूद अगर पीड़ित लिखित में शिकायत करता है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं हैलट के प्रिंसिपल ने बताया कि सारे आरोप निराधार है। बावजूद डॉक्टर्स ने ऐसा कुछ किया है तो पीड़ित पक्ष सबूतों के साथ शिकायत दर्ज कराएं। वहीं जब इस मामले पर सत्ताधार दल के नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी हम बाहर हैं। आते ही अब बीमार हैलट को पहले टीक करेंगे। खुद कई मामलों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के पास लेकर जाऊंगा और जिम्मेदारी हैलट प्रशासन के अधिकरियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करवाऊंगा।
निजी अस्पताल के चलते भयावह स्थित
समाजसेवी सौरभ श्रीवास्तव कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण ने स्थिति को भयावह बनाया है, उसको व्यवसाय का रूप देने से आम आदमी को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। दुर्भाग्य से नीति-निर्माताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं को इन्हें व्यवसायियों के हवाले कर दिया है। हमारे देश में आजादी के बाद के दौर में निजी अस्पतालों की संख्या दस गुना हो गयी है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं या अक्षम बना दी गई हैं, इसीलिए आज ग्रामीण इलाकों में कम से कम 58 फीसद और शहरी इलाकों में 68 फीसद भारतीय निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं पर निर्भर हैं।

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