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कानपुर

बाहर से आने वाले बिन रोक-टोक के शहर में हो रहे दाखिल, खतरे में पड़ी हजारों की जान

जिले की सीमाओं पर क्वारंटीन सेंटर बनाने के नाम पर प्रशासन का मजाक कई जगहों पर बनाया गया क्वारंटीन सेंटर खोला ही नहीं गया, बढ़ा खतरा

कानपुरApr 20, 2020 / 02:00 pm

आलोक पाण्डेय

बाहर से आने वाले बिन रोक-टोक के शहर में हो रहे दाखिल, खतरे में पड़ी हजारों की जान

बाहर से आने वाले बिन रोक-टोक के शहर में हो रहे दाखिल, खतरे में पड़ी हजारों की जान

कानपुर। एक ओर तब्लीगी जमातियों ने शहरवासियों की जिंदगी पहले से ही खतरे में डाल रखी है, दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही हालात को और बेकाबू कर सकती है। पहला खतरा शहर में छिपे जमातियों से था ही और अब दूसरा खतरा उन लोगों से पैदा हो गया है जो दूसरे शहरों से पैदल चलकर जिले तक पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही आदेश दे दिए थे कि बाहर से आने वालों को १४ दिन तक क्वारंटीन सेंटरों में रखने के बाद ही जिले में प्रवेश दिया जाए, इसके लिए जिले की सीमाओं पर क्वांरटीन सेंटर बनाने के आदेश दिए गए थे। हालांकि सीमाओं पर या उसके आसपास क्वारंटीन सेंटर तो बना दिए गए पर अफसरों की लापरवाही के कारण बाहर से आने वालों को अब सीधे शहर में प्रवेश मिल रहा है। सीमाओं पर उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
खानापूरी कर रहे जिम्मेदार
सीएम के निर्देश पर दूसरे शहरों से आने वालों को तहसील या जिले की सीमा पर शेल्टर हाउस में रुकवाने का इंतजाम हुआ था, पर शेल्टर हाउस बनाने के नाम पर मजाक सा हुआ। बिल्हौर और ककवन ब्लाकों की सीमा पर शेल्टर हाउस खोला ही नहीं गया। गांवों में दूसरे शहरों के फंसे लोग तंबू तान रहने को मजबूर हैं। महाराजपुर इलाके में जरूर कुछ इंजीनियरिंग कालेजों में बाहर से आए लोगों को क्वारंटीन किया गया है। इनमें ठहरे लोगों की मानें तो उन्हें दो वक्त का भोजन भी सही तरह से नहीं मिल रहा है। एक तरह से तहसील और जिलों की सीमा पर बाहरी लोगों को रोकने की खातिर बने शेल्टर हाउस के नाम पर मजाक सा हो रहा है। दूसरे शहरों से आने वालों को सीधे अंदर आने दिया जाता है या फिर या फिर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करके रवाना कर दिया जाता है।
एक दूसरे पर थोप रहे जिम्मेदारी
डोमनपुर के गंगापुल से बड़ी संख्या में भीड़ को महाराजपुर की ओर भेज दिया गया। उन्नाव पुलिस ने अपने जिर लगे बैरियर को हटा इधर भेज दिया। इसकी वजह से ही महाराजपुर में बनाए गए चार अस्थायी शेल्टर होम में भीड़ बढ़ गई, जबकि उन्नाव पुलिस का पुरवामीर चौकी इंचार्ज ने विरोध भी किया। पुरवामीर चौकी प्रभारी नीरज बाबू ने बताया कि ट्रैक्टरों के जरिए लोगों को उन्नाव महाराजपुर की ओर भेजा जा रहा है।
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