बता दें कि यूपी में कार से लेकर बाइक तक और बस से लेकर ई-रिक्शा तक पर ‘ब्राह्मण’, ‘क्षत्रिय’, ‘जाट’, ‘यादव’, ‘मुगल’, ‘कुरेशी’ आदि जातिसूचक शब्द लिखे दिखते हैं। इस पर शिक्षक हर्षल प्रभु ने आईजीआरएस पर शिकायत करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश व कुछ अन्य राज्यों में वाहनों पर लोग जाति लिखकर गर्व महसूस करते हैं। लेकिन इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है। जो कि कानून के खिलाफ है। इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
यह भी देखें: बाराबंकी बीएसए ऑफिस का शिक्षामित्रों ने किया घेराव, ठंडी रात में कर रहे अनशन उधर, पीएमओ द्वारा इस शिकायत को यूपी सरकार के पास भेजे जाने के बाद परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को सीज करने की कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इस बाबत जानकारी देते हुए कानपुर उप परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी ने बताया कि वाहनों पर या नंबर प्लेट पर किसी भी तक के जातिसूचक शब्द नहीं लिखे जाने चाहिए। ऐसा करने पर वाहन सीज किया जाएगा। हमारी प्रवर्तन टीमों के अनुसार औसतन हर बीसवें वाहन पर जाति लिखी पाई जाती है। ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश मुख्यालय ने दिया है।