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कानपुर

पुलिस ने डंडों-बेल्ट से मारा, उंगलियां तोड़ दीं, उसके बाद कमरे में सारे कपड़े उतारकर मेरे साथ…

पुलिस ने शक के बिनाह पर ई-रिक्शा चालक को हिरासत में लिया और थाने ले जाकर उसके साथ पूछताछ शुरू कर दी…

कानपुरApr 18, 2018 / 10:14 am

नितिन श्रीवास्तव

Police torture rickshaw driver in kidnapping case kanpur news

पुलिस ने डंडों-बेल्ट से मारा, उंगलियां तोड़ दीं, उसके बाद कमरे में सारे कपड़े उतारकर मेरे साथ…

कानपुर. उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पटरी से पूरी तरह से उतर चुकी है। सूबे में रेप, मर्डर, लूट, डकैती की बाढ़ आ गई है। कानपुर की पुलिस भी अपने पुराने ढर्रे पर कार्य कर रही है। एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां सीएम के मित्र पुलिस की करतूत जिसने देखी और सुनी वह रो पड़ा। पुलिस ने एक ई-रिक्शा चालक को जबरन अरेस्ट कर लिया और थाने उसके हाथों की उंगलियां तोड़ डाली। डंडे, बेल्ट से शरीर में दर्जनों वार कर उसे मरणासन्न कर डाला। थाने से घर पहुंचे पीड़ित को परिजनों ने अस्पताल में एडमिट कराया।
क्या था पूरा मामला

ककादेव थानाक्षेत्र के हॉस्टल संचालक के बेटे का बदमाशों ने दिनदहाड़े अपहरण कर लिया। बच्चा ई-रिक्शा से स्कूल जा रहा था। रिक्शा बजरिया निवासी अशोक चला रहा था। बदमाशों ने अशोक के सिर पर पिस्टल सटाकर बच्चे को अगवा कर लिया। अशोक ने तत्काल वारदात की जानकारी नजीराबाद थाने जाकर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने शहर में नाकेबंदी कर आरोपियों को पकड़ने का अभियान चला दिया। इधर, पुलिस ने शक के बिनाह पर ई-रिक्शा चालक को हिरासत में लिया और थाने ले जाकर उसके साथ पूछताछ शुरू कर दी। खाकीधारियों ने अशोक की बेहरमी से पिटाई की और उसके हाथ की उंगलियां तोड़ डाली। पूरे चार घंटे तक पुलिस उसे टॉचर करती रही। अशोक ने बताया कि इस दौरान खुद पुलिसवाले हाथ में पेचकस लेकर आए और आंख फोड़ने लगे। तभी एक पुलिसवाला आया और उसका हाथ पकड़ लिया। चालक अपने ऊपर ढहाए गए पुलिसिया जुर्म ए सितम का हवाला देते हुए पुलिस को मित्र कहने में खौफजदा हो चुका है।
 

बच्चे के अपहरण की जानकारी देने पहुंचा थाने

अशोक की माने तो दिनांक सोलह अप्रैल की सुबह साढ़े आठ बजे रोज की तरह स्कूली बच्चां को लेकर स्कुल छोड़ने जा रहा था। तभी रास्ते में दो पल्सर बाइक सवार बदमाशों ने तमंचा लगाकर नौ वर्षीय नंदू का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद अशोक को कुछ न सुझा तो उसने नजीराबाद थाने जाकर पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। अशोक की बात सुन पुलिस के हाथ-पैर फूल गए और आनन फानन में जानकारी को आगे बढ़ाया तो मालूम हुआ कि जिस बच्चे का अपहरण हुआ था वो हॉस्टल संचालक मंजीत शुक्ला का एकलौता बेटा है। वहीं खबर मिलते ही कोहराम मच गया। देखते ही देखते मंजीत समेत पूरा परिवार थाने पहुंच गया और सैकड़ों लोगो की भीड़ मंजीत के समर्थन में इक्कठा होना शुरू हो गयी।, उधर घटना से घबराई पुलिस ने चारां तरफ नाकेबंदी कर दी और ई रिक्शा चालक की निशानदेही पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो अपहरणकर्ता की पहचान नौकर के रूप में हुयी। बस क्या था पुलिस की नाकेबंदी के साथ ही अशोक की समझदारी से अपहरणकर्ता बच्चे को छोड़कर भाग खड़े हुए।
तो खाकीधारी फोड़ देते आंख

अशोक पुलिस को जानकारी देने के बाद जाने लगा तो उसे रोक लिया गया। अशोक के मुताबिक नजीराबाद पुलिस उसे एक कमरे में ले गई और शरीर से सारे कपड़े उतार दिए और बच्चे के बारे में पूछताछ शुरू की। मैंने उनको बहुत समझाया पर वह मुझे ही आरोपी मानकर लाठी चटकाने लगे। मेरी बाएं हाथ की चारों उंगलियां तोड़ डाली। तभी एक पुलिसवाला हाथ में पेचकस लेकर आया और आंख फोड़ने लगा। मैं रोने और बचाने की गुहार लगाई। तभी अन्य पुलिसवाले आ गए और उन्होंने पुलिसवाले के हाथ से पेचकस छीन लिया। पीड़ित के पैरों और हाथो में पुलिस ने इतनी लाठिया चटकाई हैं कि काले निशान चीख चीख कर यातना की गवाही दे रहे हैं। हालांकि बच्चे की बरामदगी के बाद मंजीत व उसके परिवार के कहने पर अशोक को पुलिस ने छोड़ दिया था।
एसपी बोले शिकायत पर होगी कार्रवाई

ममले पर एसपी अशोक कुमार ने बताया कि मेरे जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया। यदि पीड़ित शिकायत लेकर आता है तो मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने इतना जरूर बताया कि शक के बिनाह पर कुछ लोगों को हिरासत में पुलिस ने लिया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अशोक के मामले की मुझे बिलकुल जानकारी नहीं है। वहीं अशोक ने कहा कि वह बुधवार को पुलिस के अलाधिकारियों के पास जाकर शिकायत दर्ज कराएगा। अगर वहां से न्याय नहीं मिला तो सीएम के दरवार में फरियाद लगाऊंगा। अशोक ने बताया कि पुलिसवालों ने धमकी दी है कि अगर शिकायत की तो अपहरण के केस में तुम्हें जेल भेज दिया जाएगा।
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