इस साल फरवरी से मार्च के मध्य तक बार-बार बिगड़े मौसम के मिजाज से आलू उत्पादन का ग्राफ अबकि बिगडऩे जा रहा है। प्रदेश के आलू उत्पादन वाले बेल्ट में तेज बरसात के साथ-साथ गिरे ओलों की वजह से आलू का उत्पादन 10 से 12 फीसदी तक गिर सकता है। कारण काफी आलू बरसात के कारण खेतों में ही खराब हो गया जबकि आलू की खुदाई 15 से 20 दिन तक लेट हो गई।
पिछले साल मार्च महीने में आलू फुटकर में १० रुपए प्रतिकिलो और थोक बाजार में आलू के मूल्य 07 से 08 रुपये प्रति किलो था जबकि इस साल इस समय थोक बाजार में आलू का रेट 15 से 16 रुपये प्रतिकिलो है और फुटकर में २० से २५ के बीच दाम पहुंच गया है। मौसम की गड़बड़ी की वजह से अबकि आलू लेट हो गया, क्वालिटी भी खराब हुई और क्वांटिटी भी कम हो गई। बकौल यदुवीर सिंह, आमतौर पर 15 मार्च तक आलू की खुदाई पूरी हो जाती थी। मौसम के कारण अब यह 05 अप्रैल तक चली गई। नतीजा स्टाक 20 फीसद तक कम हो गया है।
अब तक कोल्ड स्टोरों में अभी तक 78 से 80 लाख टन आलू का खण्डारण हो सका है जबकि पिछले साल इस समय तक पूरे 100 लाख टन के करीब आलू का भण्डारण हो चुका था। आलू की स्थिति गड़बड़ाने के पीछे एक कारण यह भी है कि बीते जनवरी में जब कोल्डस्टोरों से आलू की आवक कम थी तो अच्छी रेट पाने के लिए बहुत से किसानों ने समय से पहले ही अपना आलू खोसकर बेचना शुरु कर दिया।
आलू बेल्ट के जिलों में कानपुर के आसपास आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलन्दशहर, कन्नौज, अलीगढ़, हाथरस, इटावा, कानपुर, बदायूं, बरेली, इलाहाबाद, लखनऊ, बाराबंकी, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, तथा फैजाबाद में पिछले साल प्रदेश में 147.77 लाख टन आलू का का उत्पादन हुआ था। जबकि कोल्डस्टोरों में करीब 121 लाख टन आलू का भण्डारण हुआ था। इस बार मौसम की खराबी के कारण अबकि आलू के उत्पादन का ग्राफ 131 से 133 लाख टन तक रहने की उम्मीद है। इसी तरह अबकि भण्डारण भी 110 से 112 लाख टन ही रहने के आसार हैं।