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President Visit Kanpur: प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचेंगे राष्ट्रपति, जानिए ट्रेन की खूबियां

-प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचेंगे राष्ट्रपति,-अनूठी है इस स्पेशल ट्रेन की खूबियां,-इस सैलून से सबसे पहले डा. राजेंद्र प्रसाद ने की थी यात्रा,

कानपुरJun 20, 2021 / 07:44 pm

Arvind Kumar Verma

President Visit Kanpur: प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचेंगे राष्ट्रपति, जानिए ट्रेन की खूबियां

President Visit Kanpur: प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचेंगे राष्ट्रपति, जानिए ट्रेन की खूबियां

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) का कानपुर आगमन 25 जून को होना है। राष्ट्रपति प्रेसिडेंशियल ट्रेन (Presidencial Train Of President) से सुरक्षा व्यवस्था के साथ कानपुर पहुंचेंगे। पहली बार कानपुर सेंट्रल (Kanpur Central Station) पर यह ट्रेन पहुंचेगी, जो कि कानपुर सेंट्रल के लिए ऐतिहासिक होगा। यह बहुत सुखद माना जा रहा है क्योंकि 18 साल बाद ऐसा समय आएगा जब प्रेसीडेंशियल ट्रेन राष्ट्रपति को यात्रा पर लेकर निकलेगी। उनके कानपुर आगमन पर तीन दिन तक यह ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पर खड़ी रहेगी। शहर के लोग इस खास पल के लिए बेहद उत्सुक हैं, लेकिन ट्रेन की खास सुरक्षा के चलते शायद लोगों का देखना संभव नहीं हो सकेगा।
सभी सुविधाओं से लैस है सैलून

इस ट्रेन का इतिहास अनोखा है। क्योंकि यह ट्रेन बुलेट प्रूफ विंडो, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हर आधुनिक सुविधा से लैस होगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान प्रेसीडेंशियल सैलून सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इस ट्रेन को प्रिडेंसियल सैलून भी कहते हैं क्योंकि इसमें राष्ट्रपति सफर करते हैं। यह सामान्य ट्रेन की श्रेणी में नहीं है। हालांकि पटरियों पर ही इसे चलाया जाता है, इसलिए इसे प्रेसीडेंशियल ट्रेन भी कहते हैं। इसमें दो कोच होते हैं, जिनका नंबर 9000 व 9001 होता है।
अभी तक 87 बार सैलून का हो चुका प्रयोग

अब तक देश के अलग-अलग राष्ट्रपति 87 बार इस सैलून का प्रयोग कर चुके हैं। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1950 में इस ट्रेन में पहली बार सफर किया था। उन्होंने दिल्ली से कुरुक्षेत्र का सफर किया था। इसके बाद डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. नीलम संजीवा रेड्डी ने इस सैलून से यात्राएं की थी। फिर 1977 में डा. नीलम संजीवा रेड्डी ने इस सैलून से यात्रा की। इसके 26 साल बाद 30 मई 2003 को डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने इस सैलून से बिहार की यात्रा की थी। अब 18 वर्ष बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसी सैलून से कानपुर पहुंचेंगे।
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