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कानपुर

निजी अस्पतालों में आई आफत, अब ऐसे नही संचालित हो सकेंगे, मुसीबत आई सामने

अब प्राईवेट नर्सिंग होम व ट्रामा सेंटर को लेकर अफसरों ने तैयारी कर ली है। इससे प्राईवेट अस्पताल संचालकों में खलबली मची हुयी है।

कानपुरOct 19, 2018 / 12:51 pm

आलोक पाण्डेय

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निजी अस्पतालों में आई आफत, अब ऐसे नही संचालित हो सकेंगे, मुसीबत आई सामने

कानपुर देहात-जिले में मानकों को दरकिनार कर बड़ी संख्या में धड़ल्ले से चल रहे नर्सिंग होम व ट्रामा सेंटर को लेकर अब जिलाधिकारी कानपुर देहात ने सख्त रुख अपनाया है। इन अस्पतालों के पंजीकरण के दौरान मानकों की अनदेखी कर बेहिचक पंजीकरण कर दिया गया है। इन अस्पतालों में अप्रिशिक्षित चिकित्सकों की लापरवाही व अन्य कारणों से आये दिन होने वाली मौतों को लेकर पहले भी जिले के मुखिया ने निर्देश दिए थे, लेकिन विभागीय अफसरों ने लापरवाही की सीमा पार कर दी और जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, जिसके चलते अब डीएम ने एसडीएम व डिप्टी सीएमओ की टीम को ऐसे अस्पतालों की जांच के लिए नियुक्त कर दिया है।
31 निजी अस्पताल है पंजीकृत

बताते चलें कि पिछले दिनों अपंजीकृत अकबरपुर के एक निजी अस्पताल में दूसरी मौत की बात सामने आने पर डीएम ने एसडीएम व डिप्टी सीएमओ की संयुक्त टीम से अस्पतालों के मानकों की पड़ताल व अपंजीकृत अस्पतालों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिले में मौजूदा समय में 31 निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। कई अस्पताल व क्लीनिक बिना पंजीकरण के ही संचालित हो रहे हैं। बीते साल माती रोड स्थित एक निजी अस्पताल में महिला व उसके नवजात की मौत के बाद हुई जांच में बिना पड़ताल के पंजीकरण का मामला सामने आया था।
ये मानक होने चाहिए

ट्रामा सेंटर में पांच आइसीयू बेड, पांच जनरल ट्रॉमा बेड, कम से कम एक ऑपरेशन थियेटर, 500 एमए की एक एक्स-रे मशीन, थ्री डी अल्ट्रासाउंड की मशीन, ईसीजी मशीन, सीटी स्कैन मशीन और पोर्टेबल यूएसजी, पांच वेंटिलेटर, एक ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर होना चाहिए। वही नर्सिंग होम में संक्रमण वाले मरीजों को अलग रखने की व्यवस्था, वार्ड में बिस्तरों तक आक्सीजन सप्लाई व सेक्शन मशीन, प्रशिक्षित नर्स, सुरक्षित प्रसव कक्ष, नवजात के इलाज की व्यवस्था, मेडिकल कचरा निस्तारण की व्यवस्था, पंजीकृत डाक्टरों की मौजूदगी जरूरी है।
बोले जिम्मेदार

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में पंजीकृत नर्सिग होम व ट्रामा सेंटरों में शासन के निर्धारित मानक, पंजीकृत डाक्टर और स्टाफ, संसाधनों, अग्निशमन विभाग की एनओसी आदि की जांच के लिए अब एसडीएम व डिप्टी सीएमओ संयुक्त रूप से जांच करेंगे। इस आशय के निर्देश दे दिए गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद मानक विहीन अस्पतालों व बिना पंजीकरण के अस्पताल व क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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