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बगदादी के जॉन बनने के चलते टीचर का किया कत्ल, एनआईए की टीम जांच के लिए पहुंची कानपुर

आईएसआईएस के आंतकियों की पनाहगार बना जाजमऊ एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।

कानपुरDec 20, 2017 / 01:02 pm

आकांक्षा सिंह

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कानपुर. आईएसआईएस के आंतकियों की पनाहगार बना जाजमऊ एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। मंगलवार को एनआईए की टीम चकेरी थानाक्षेत्र के प्योंदी गांव पहुंची। यहां पर विष्णुपुरी निवासी टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली। टीचर की हत्या इनकाउंटर में मारे गए आंतकी सैफुउल्ला व उसके भाई फैसल और आतिफ ने की थी। एनआईए की पूछताछ के दौरान जिंदा आतंकी आतिफ ने यह बात कबूली है। इसी के बाद टीम घटना स्थल पर जाकर कई अहम सुराग खंगाले और मृतक के परिजनों के साथ बातचीत की। सूत्रों की मानें तो सैफुउल्ला आईएसआईएस से प्रभावित होकर खुंखार आतंकी बनना चाहता था और इसी के चलते वह बगदादी के जान बनने के चलते टीचर का मर्डर किया था।


चकेरी के प्योंदी में दिया था घटना कां अंजाम
भोपाल ट्रेन ब्लास्ट के आरोप में एमपी एटीएस ने चार संदिग्ध आंतकियों को पकड़ था, जिनमें से आतिफ और दानिश कानपुर के जाजमऊ केडीए कॉलोनी के रहने वाले थे। पूछताछ के दौरान एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली। आईएसआईएस के खुरान मोड्यूल के सरगना सैफुउल्ला को लखनऊ में एटीएस ने मुठभेड़ में मार गिराया। साथ ही एक दर्जन से संदिग्धों को कानपुर के साथ ही अन्य जिलों से उठाया। एनआईए की पूछताछ के दौरान आतंकी आतिफ और फैसल ने कई अहम जानकारी दीं। संदिग्धों ने एनआईए को बताया कि 24 अक्टूबर 2016 को विष्णुपुरी निवासी स्कूल प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला की हत्या की बात कबूली। आतंकियों को सजा दिलाने के लिए एनआईए की टीम चकेरी के प्योंदी गांव पहुंची और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। कई चश्मदीह ने एनआईए को वारदात की जानकारी दी।


गौस मोहम्मद था मास्टर माइंड
एनआईए की टीम ने सैफुउल्ला के खात्में के बाद आईएसआईएस के खुरान माड्यूल को खत्म करने के लिए अभियान चलाया। इस दौरान दर्जनभर संदिग्ध टीम के हाथ लगे। इन्हीं में से जाजमऊ निवासा गौस मोहम्मद था, जो इनकाडंटर के लिए सैफुउल्ला के साथ लखनऊ में मौजूद था। उसे एनआईए ने शहर से धरदबोचा। पूछताछ के दौरान गौस मोहमम्द ने एनआईए को बताया था कि वह सैफउल्ला को असलहा चलाने और बन बनाने की ट्रेनिंग देता था वहीं उसका कलेजा मजबूत करने के लिए शहर के बूचड़खानों में भी भेजता था। जाजमऊ के साथ ही अन्य बूचड़खानों में सैफउल्ला ने सौ से ज्यादा बकरे और इतने ही अन्य जानवरों के गले काट चुका था। वह इस काम के बदले बूचड़खाना मालिकों से पैसे नहीं लिया करता था। जाजमऊ के एक बूचड़खाना संचालक ने बताया कि वह बचपन से ही यहीं से गोस्त लेने के लिए आया करता था। एक साल से वह बकरों और भैसों का खुद काटने को कहता और हम भी उसे यह काम करने को रोक नहीं सके।


चचेरे भाई के साथ मिलकर मारी थी गोली
एमपी एटीएस की पूछताछ के दौरान आतिफ ने बताया है कि वह सैफुउल्ला और उसके चचेरे भाई फैसल के साथ मिलकर 24 अक्टूबर 2016 को चकेरी के प्योंदी गांव स्थित रिटायर्ड शिक्षक रमेश शुक्ला (62) की गोली मारकर हत्या की थी। घटना के वक्त शिक्षक साइकिल से अपने घर विष्णुपरी लौट रहे थे। पीछे से उनके पीट पर गोली मारी गई थी। आरोपियों ने हत्या के बाद टीचर के शव को सड़क के किनारे फेंक कर फरार हो गए थे। आरोपियों ने टीचर के पास रखे पैसे व अन्स सामान को हाथ नहीं लगाया था। तब चकेरी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर रही थी, लेकिन टीचर के हत्यारों को पकड़ नहीं सकी। एटीएस के हाथ लगे आतंकियों के बाद इस मर्डर मिस्ट्री का खुलाशा हुआ।

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