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कानपुर

बारिश ने प्रशासन के दावे की खोल दी पोल, गंगा में गिरा सीसामऊ नाले का सीवेज

24 घंटे की बारिश के कारण उफनाया नाला, गंगा में गिरा प्रदूषित पानी, अलाधिकारियों की टीम ने किसी तरह से ट्रैप किया नाले का मुंह।

कानपुरJan 18, 2020 / 01:32 am

Vinod Nigam

बारिश ने प्रशासन के दावे की खोल दी पोल, गंगा में गिरा सीसामऊ नाले का सीवेज

बारिश ने प्रशासन के दावे की खोल दी पोल, गंगा में गिरा सीसामऊ नाले का सीवेज

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए कानपुर आए थे। जिसके कारण जिलाप्रशासन ने गंगा में गिर रहे अधिकतर नालों को आनन-फानन में ट्रप करा दिया था। जिसमें अंग्रेजों के जमाने का सीसामऊ नाला भी था। कड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने नाले को सेल्फी प्वांइंट में तब्दील कर दिया और सूबे के सीएम खुद सेल्फी भी ली। लेकिन 24 झांटे की बारिश ने अलाधिकारियों के दावों की पोल खोलकर रख दी। बरसात के साथ ही सीवरेज का प्रदूषित पानी मां गंगा में सीधे गिरने लगा। इसकी जानकारी जब अलाधिकारियों को हुई तो मौके पर पहुंचे और मीडिया के सवालों से बचते दिखे।

फिर गंगा में गिरा गंदा पानी
मां गंगा को दूषित करने वाला कानपुर का कलंक के रूप में कहे जाने वाला एशिया का सबसे बड़ा सीसामऊ नाला एक बार फिर से गंगा में झरझराकर गिरने लगा। और सेल्फी प्वाइंट से गंगा में लगातार सीवेज गिरता रहा। वीआईपी रोड स्थित रिवर साइड पावर हाउस पंपिंग स्टेशन के डायवर्जन प्वाइंट तक नाले का फाटक गंगा की तरफ खुला हुआ था और भारी मात्रा में गंदा पानी जा रहा था। सेल्फी प्वाइंट का हाल दो वर्ष पहले कर तरह था। काला पानी गंगा में गिर रहा था। अधिकारी मौके पर पहुंचे और दावा किया कि गंगा में जाने वाला पानी नाले का नहीं बल्कि बारिश का है।

पीएम ने किया था निरीक्षण
गौरतलब है कि इस नाले की दहशत ना केवल कानपुर में बल्कि पूरे देश में थी और खास तौर पर इस नाले पर नजर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी। प्रधानमंत्री ने नाले के खात्मे के लिए खुद इसकी निगरानी कर रहे थे। खुद इसकी हकीकत जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते दिनों नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा का निरीक्षण करने के लिए कानपुर पहुंचे थे। जहां उन्हें उन्होंने कानपुर का कलंक कहे जाने वाले सीसामऊ नालेे का भी बारीकी से निरीक्षण किया । अलाधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया था कियह नाला पूरी तरीके से टैप कर दिया गया है और इसका दूषित पानी अब कभी भी गंगा में नहीं गिरेगा।

सीएम ने ली थी सेल्फी
नेशनल गंगा काउंसिल बैठक की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंद हो चुके एशिया के सबसे बड़े गंदे नाले से सेल्फी ली थी। इस नाले से सबसे ज्यादा 140 एमएलडी सीवरेज गंगा में प्रवाहित हो रहा था। नमामि गंगे मिशन के तहत इस नाले को डायवर्ट कर टैप किया गया था। नाले की दीवारों की रंगाई पुताई करा दी गई थी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री स्टीमर पर सवार होकर टैप गिए गए नालों का निरीक्षण भी किया था। भैरवघाट पर सीएम स्टीमर से उतर गए और सीसामऊ नाले के मुहाने पर पहुंचे थे। गए। सीएम ने अफसरों से सीसामऊ नाले के बारे में पूछा और खुद सेल्फी ली थी।

नाला देखने पहुंचे थे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर की गंगा में प्रदूषण का कलंक बने सीसामऊ नाला को देखने पहुंचे थे। नाले के सामने लगाई गई फ्लोटिंग जेट्टी पर उतरकर प्रधानमंत्री ने सीसामऊ नाले के साथ ही अगल-बगल भी देखा था। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव उन्हें नाले से संबंधित जानकारी देते रहे। एक मिनट से भी कम समय तक प्रधानमंत्री जेट्टी पर रहे। उन्होंने नाला बंद करने के लिए सभी के प्रयासों की सराहना भी की थी। लेकिन सिर्फ 24 घ्ंाटे का बारिश के बाद जुगाड़ के जरिए बंद किए गए नाले का पानी फिर गंगा में गिरने लगा।

कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
मामले पर डीएम ब्रहमा देव राम तिवारी ने कहा कि पूरे मामले की जांच मैं खुद करूंगा। हलांकि अधिकारी मौके पर गए थे और उन्होंने बताया था कि नाले के बजाए बारिश का पानी गंगा में गिर रहा है। गंगा हरहाल स्वच्छ और स्वस्थ्य होकर रहेगी। वहीं जल निगम के मुख्य अभियंता अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि बरसात के दिनों में ऐसा होता रहता है। जलभराव के कारण नाले से कुछ रिसाव हुआ था, जिसे बंद करा दिया गया है।

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