महिलाओं ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की है कि तीन तलाक के मामले में प्रभावी कानून बनाया जाए और मुस्लिम समाज की महिलाओं को तीन तलाक जैसी रूढ़िवादी कुरीतियों से निजात मिल सके। साथ ही मुस्लिम महिलाओ को भी समाज में सम्मानित महिला का दर्जा प्राप्त हो सके। वहीं कानपुर देहात की सिकन्दरा थाना क्षेत्र के गांव जल्लापुर की रहने वाली एक मुस्लिम पीड़ित महिला ने रोते बिलखते हुए अपनी पीड़ा बयां की और बताया कि उसके पति ने उसे तलाक बोलकर उस पर जुल्म ढहाया और उसे घर से निकाल दिया है।
उसने कहा है कि हमारे पति ने मुझे तीन बार तलाक बोल कर घर से निकाल दिया। दर-दर भटकने के बाद वर्तमान में अब वह अपने मायके में अपनी माँ के पास रहती है। यहां तक कि उसका गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। उसने बताया कि खाने के लाले पड़े होने की वजह से अपने परिवार में जो भी बच्चे हैं, जब उनका पेट नहीं भर पा रहा है तो हम उनका भविष्य कैसे बनाएंगे। उनकी शिक्षा दीक्षा कैसे हो पाएगी। उसका जीवन भी अंधकार में है। तीन तलाक जैसी गंदी परंपरा में उलझी महिलाओं ने इन्हीं सब बातों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है और देश के राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि हमारे साथ न्याय किया जाए। जिससे देश की सभी महिलाओं को समान अधिकार मिल सके।