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कानपुर

डीजीपी से मिलने का इंतजार करती रही पीड़िता, पोल खुलने के डर से मिलने नहीं दिया गया

 डीजीपी से मिलने का इंतजार करती रहीं पीड़िता, जब डीजीपी चले गए तो फफक-फफक कर रो पड़ी

कानपुरAug 13, 2017 / 12:52 pm

Ruchi Sharma

sulkhan singh

sulkhan singh

कानपुर. प्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह शनिवार को कानपुर आए। जहां उन्होंने केडीए परिसर पर जनता दरबार लगाया। कईयों ने पुलिस उत्पीड़न, एफआईआर दर्ज नहीं करने की शिकायत की। डीजीपी ने पुलिस को अपने काम करने का तरीका बदलने के लिए आदेश दिया। कल्याणपुर से आई मां और बेटी डीजीपी से मिलने के लिए पहुंची, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। वो एक घंटे तक केडीए परिसर के बाहर मिलने का इंतजार करती रहीं, जब डीजीपी चले गए तो फफक-फफक कर रो पड़ी और पुलिस की करतूत को जुबां से बयां की।
पीड़िता ने बताया कि पति ने पहले घर से निकाल दिया। हमने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। इससे पति गुस्सा गया और 12 दिन पहले उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हमारी पिटाई की। हम थाने गए पर पुलिस ने हमें भगा दिया।
क्या है पूरा मामला


एक अगस्त की शाम होमगार्ड पिता के साथ परेड मार्केट में खरीददारी करने गयी युवती से उसके पति ने मारपीट की। पति के साथ आए साथियों पर युवती ने छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस की गाड़ी को आता देख वह लोग युवती से मंगलसूत्र और पर्स छीनकर भाग गए। जिसकी सूचना पीड़िता ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस कार्रवाई करने के बजाय सीमा विवाद में फंस गयी।
बाद में तय हुआ कि रिपोर्ट कल्याणपुर के बजाय थाना ग्वालटोली में दर्ज की जाएगी। इसके बाद से पीड़ित परिवार थाना ग्वालटोली और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। पीड़िता ने बताया कि हम पहले डीआईजी कार्यालय गए, लेकिन वहां हमारी सुनवाई नहीं हुई। हमें पता चला कि लखनऊ से पुलिसवालों के बड़े साहब आए हैं। हम उनसे मिलने के लिए केडीए पहुंची, लेकिन पोल खुलने के डर से पुलिस ने हमें मिलने नहीं दिया।
दो थानों के बीच फंसी एफआईआर

पीड़िता की शादी 2015 में कल्याणपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक राजेश से हुई थी। ससुराल में दहेज की प्रताड़ना ने परेशान हो कर वह मायके आ गयी और ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसके बाद से उसका पति लगातार मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है।
इसी के चलते एक अगस्त को साथियों के साथ उसने बाप बेटी के साथ मारपीट और लूट की। पीड़िता की मां ने बताया कि परेड चौराहे में सब के सामने बेटी को पीटा गया और उसके साथ छेड़छाड़ की गई। मारपीट की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके कारण बेटी की जान बच गई। आरोपी पुलिस को देखकर भाग गए। हम कल्याणपुर थाने जाकर तहरीर दी, लेकिन वहां की पुलिस ने ग्वालटोली जाने को कहा। ग्वालटोली आने पर पुलिस ने हमें भगा दिया।
भूमाफिया के इर्द -गिर्द रही बैठक


भू-माफिया और गुंडा एलीमेंट बख्शा नहीं जाएगा, वह चाहे कोई भी हो। भू- माफिया की अभी जारी सूची अंतिम नहीं है। आगे और नाम सामने आए तो वह भी इस सूची में जोड़े जाएंगे। डीजीपी सुलखान सिंह ने कानपुर में समीक्षा के दौरान यह चेतावनी दी।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त जिन अधिकारियों के संबंध भू- माफिया या गुंडा एलीमेंट से पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि थाने में तैनात अफसर किसी गुंडा एलीमेंट या भू-माफिया से सांठगांठ न कर सके। इस कारण जिले में समय अवधि पूरी होने पर उन सभी के तबादले कर दिए गए हैं। डीजीपी ने कहा कि नई ट्रांसफर प्रणाली के तहत अफसर भले पुलिस की किसी अन्य इकाई में भी काम कर रहा हो उस जिले में समय अवधि से जोड़कर ही देखा जाएगा। सभी पुलिस अफसरों को पहले ही निर्देश दिए जा चुका है कि वह बिना किसी राजनीतिक या अन्य दबाव के अपना काम ईमानदारी से करें। बैठक सिर्फ भूमाफियाओं के इर्द-गिर्द घूमती रही। जबकि ऐसे कई दर्जन लोग थे, जो अन्य समस्या लेकर आए, पर उनकी सुनवाई नहीं हुई ।
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