शौचालय होने के बाद भी दिख रहे लोटेवाले
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगले साल गांधी जयंती के दिन यूपी को ओडीएफ मुक्त प्रदेश बनाने का ऐलान कर चुके हैं। इसी के चलते सभी जिलों के अफसरों को साफ तौर पर दिशानिर्देया दिए गए हैं कि वे सुबह खुद सड़क पर उतरें और खुले में शौंच करने वालों को टॉयलेट पहुंचाएं। कानपुर के सभी 110 वार्ड खुले से शौच मुक्त होने के बावजूद लोग अभी भी लोटा लेकर जाते हुए पाए जा रहे हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए कानपुर के नगर आयुक्त अपनी क्विक रेस्पांस टीम के साथ सुबह ही उन स्थानों में पहले ही पहुंच जाते हैं, जहां लोग शौंच के लिए आते हैं। गुरूवार को नगर अयुक्त ने विजयनगर बस्ती जा पहुंचे और खुले में शौच कर रहे लोगों को सीटी बजाकर अलर्ट कर दिया। तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को उन्होंने नजदीक के टॉयलेटों में पहुंचाया और दोबारा खुले में शौच करते पाए जाने पर जुर्माना लगाने के साथ कड़ी कार्रवाई की बात कही।
सुबह बची ढुगढुगी, कई इलाके गूंज उठे
खुले में शौच से मुक्त कानपुर बनाने के लिए चल रहे अभियान के तहत शुक्रवार की भोर में नगर निगम की टीम जब शहर में निकली तो डुगडुगी, ढोल और सीटियों से कई इलाके गूंज उठे। नैरैयाखेड़ा में नगर आयुक्त अविनाश सिंह द्वारा शौचालय को निशुल्क किए जाने पर लोगों ने जिंदाबाद के नारे भी लगाए। वहीं कॉलोनियों में गठित निगरानी समिति के सदस्यों ने मुहल्लों में घूम-घूम कर लोगों को बताया कि खुले में शौच न करें। शौचालय फ्री हैं वही जाएं। कुछ लोग ऐसे भी मिले जो खुले में शौच करने निकले तो थे मगर नगर आयुक्त ने उन्हें फूल देकर कानपुर को स्वच्छ रखने की अपील की। आखिरकार वह लोग भी शौचालय गए। गंगा घाटों पर भी अभियान चलाया गया। अस्पताल घाट के पास बहुत सारी महिलाओं ने शौचालयों की संख्या और बढ़ाने की मांग की। नगर आयुक्त ने मौके पर ही दो और शौचालय बनाए जाने के निर्देश दे दिए।
टॉयलेट के अंदर मिले फ्रिज, कूलर और वाशिंग मशीन
नगर आयुक्त की टीम शहर को खुले में शौच से मुक्त करने निकली तो संजय नगर का एक सामुदायिक शौचालय को देख हतप्रभ रह गई। टीम पहुंची तो गेट पर अंदर से ताला पड़ा था, नगर आयुक्त बाउंट्री फांद कर अंदर पहुंचे, इस बीच एक व्यक्ति अंदर से ताला खोलने के लिए निकला। टीम को शौच करने का स्थान था वहां फ्रिज, कूलर और वाशिंग मशीन रखे मिले। बाथरूम को शानदार रसोई घर के रूप में तब्दील कर लिया गया था और बगल में ड्राइंग रूम बनाया गया था। गलियारे का इस्तेमाल बर्तन केस और आलमारी रखने में किया जा रहा था। मुहल्ले वालों ने बताया कि वर्ष 2013 के बाद से ही यहां लोग शौच के लिए नहीं गए, तब से शौचालय में कब्जा है। जिसके चलते नगर आयुक्त का पारा चढ़ गया और इसके जांच के आदेया अपरनगर आयुक्त को दिया।
खुद हो जागरूक, शहर को रखें गंदगी मुक्त
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि 18 अक्तूबर को ओडीएफ घोषित होने की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद वहां से टीम यहां आएगी जो भौतिक सत्यापन करके पुष्टि करेगी। राज्य सरकार ही केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी। केंद्रीय टीम यहां क्रॉस चेकिंग करने आएगी। हर छह माह में इसका सत्यापन भी होगा। फिलहाल 15 दिनों तक का वक्त शहरवासियों को दिया गया है ताकि वे सुझाव व आपत्तियां भेज सकें। यह सुझाव लिखकर या कंट्रोल रूम पर फोन करके भी दे सकते हैं। साथ ही लोगों को खुले के बजाय टॉयलेट पहुंचाने के लिए हम अपने सभी कर्मचारियों के साथ ही विभाग के अफसरों के साथ सुबह से लेकर शाम तक लोगों को शहर को साफ-सुथरा रखने का सकंल्प दिला रहे हैं। साथ ही लोगों से अपील कर रहे हैं कि ये शहर आपका है, जब स्वच्छ रहेगा, तभी आप स्वस्थ्य रहेंगे।