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कानपुर

बच्चेदानी की सफाई में झोलाछाप ने महिला की आंत फाड़ दी, हैलट के डॉक्टर बने भगवान, अजीब घटना

ऐसी हालत में रोगी को 28 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। उसकी डायलिसिस की गई और ब्रोंकोस्कोपी से फेफड़ों से पानी निकाला गया।

कानपुरOct 22, 2021 / 12:43 pm

Arvind Kumar Verma

बच्चेदानी की सफाई में झोलाछाप ने महिला की आंत फाड़ दी, हैलट में डॉक्टरों की टीम ने बचाई जान, अजीब घटना

बच्चेदानी की सफाई में झोलाछाप ने महिला की आंत फाड़ दी, हैलट में डॉक्टरों की टीम ने बचाई जान, अजीब घटना

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. कानपुर में हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां निजी अस्पताल के झोलाछाप ने एक महिला की बच्चेदानी की सफाई करते समय उसकी आंत ही फाड़ दी। इससे महिला की हालत बिगड़ी तो उसे दूसरे निजी अस्पताल भेज दिया। इस अस्पताल में इलाज के दौरान रोगी को इतना एनेस्थीसिया दिया कि वह बेहोश हो गई और उसे 15 दिन होश ही नहीं आया। रोगी के हालात ऐसे हो गए कि मरणासन्न स्थिति में आ गई। तब उसे हैलट अस्पताल भेज दिया गया।
हालत बिगड़ने पर हैलट में कराया भर्ती

हैलट में रोगी की चिंताजनक हालत देख यहां के सर्जरी व एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों ने इलाज कर किसी तरह से रोगी की जान बचाई। राहत मिलने पर गुरुवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। गोपाल नगर नौबस्ता के रहने वाले अंकुर की पत्नी 30 वर्षीय लक्ष्मी को बच्चेदानी की सफाई के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं झोलाछाप के कारण महिला की जान पर आ बनी थी। उसे 14 सितंबर को जब हैलट में भर्ती किया गया तो उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैलने से हालत नाजुक हो गई थी। बताया गया कि निमोनिया की वजह से फेफड़े सफेद पड़ गए और गुर्दों ने लगभग काम करना बंद कर दिया।
इसके बाद उसे डॉ. निशांत सक्सेना के अंडर में भर्ती किया गया। इसके बाद एनेस्थीसिया विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद डॉ. ऋतुराज सिंह, डॉ. योगेंद्र और डॉ. नेहा की टीम रोगी का इलाज करती रही। ऐसी हालत में रोगी को 28 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। उसकी डायलिसिस की गई और ब्रोंकोस्कोपी से फेफड़ों से पानी निकाला गया। इस तरह कड़ी मशक्कत कर उसकी जान बचाई जा सकी। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि डॉक्टरों की मेहनत से रोगी की जान बच गई।
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