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करौली

82 करोड़ की जल योजनाओं में भ्रष्टाचार, जयपुर की सतर्कता टीम ने हिण्डौन में की जांच

विजिलेंस ने जल योजनाओं के पाइपों के लिए नमूने

करौलीApr 18, 2019 / 11:19 pm

Anil dattatrey

hindaun karauli news

82 करोड़ की जल योजनाओं में भ्रष्टाचार, जयपुर की सतर्कता टीम ने हिण्डौन में की जांच

हिण्डौनसिटी. 58 करोड़ की शहरी पुनर्गठित पेयजल योजना व 24 करोड़ की अमृत जल योजना के कार्य मेंं धांधली की शिकायत पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की विजिलेंस टीम (सतर्कता दल) गुरुवार को छठवी बार जयपुर से हिण्डौन आई। जहां तीन सदस्यीय दल ने अधिशासी अभियंता समेत कई कार्मिकों से पूछताछ की। सतर्कता दल ने शहर में अलग-अलग स्थानों पर पहुंच योजनाओं के तहत कराए गए कार्यों की जांच की। तथा पाइप लाइन के नमूने संकलित किए।

सुबह करीब साढ़े 11 बजे विजिलेंस टीम को आया देख विभाग में हडकंप सा मच गया। टीम में शामिल अधिशासी अभियंता अरविन्द शर्मा, अशोक चौरडिया व सहायक अभियंता विमलेश शर्मा ने स्थानीय अधिशासी अभियंता आशाराम मीणा, तकनीकी सहायक भीमसेन तनेजा समेत कई अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की। साथ ही योजनाओं से सम्बन्धित दस्तावेजों की गहनता से जांच की। इसके बाद सतर्कता टीम तेली की पंसेरी स्थित पंप हाउस पहुंची और बिछाई गई पाइप लाइन की जांच के लिए नमूने संकलित किए।

गौरतलब है कि पेयजल 82 करोड़ की दोनों पेयजल योजनाओं के कार्य में गुणवत्ताहीन सामान उपयोग में लेने, बिना मापदंडों के पाइप लाइन बिछाने की शिकायतों की जांच के लिए मुख्यालय की ओर से गठित सतर्कता टीम अब तक छह बार हिण्डौन में आकर धरातलीय जांच कर चुकी है। लेकिन मामले में दोषी संवेदकों व अभियंताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

विधायक ने की थी फर्जीवाड़े की शिकायत-
दरअसल कुछ दिन पहले विधायक भरोसीलाल जाटव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व जलदाय मंत्री बीडी कल्ला से योजनाओं के कार्य में अभियंताओं की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की शिकायत की थी। जिसमें योजना के कार्य की निष्पक्ष जांच कराने व जांच पूरी नहीं होने तक संवेदक का भुगतान रोकने की मांग की।
विधायक ने नल कनेक्शन हुए बिना ही विभाग द्वारा संवेदक को आठ हजार कनेक्शनों का भुगतान करने के साथ ही घटिया जीआई पाइप, फैरूल, सैंडलपीस के उपयोग की शिकायत की थी। इससे पहले पार्षद लेखेन्द्र चौधरी ने भी योजनाओं में धांधली की शिकायत की थी।

गहराई में नहीं डाली पाइप लाइन-
निविदा शर्तों के अनुसार फिटिंग कार्य 45 से 50 सेन्टीमीटर गहराई में करना था, लेकिन मात्र 5 से 10 सेन्टीमीटर गहराई पर फिटिंग कर छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं कार्य में घटिया किस्म का एचडीपीइ पाइप 50 से 60 सेन्टीमीटर की गहराई पर डाला गया है, लेकिन विभाग की ओर से 1.10 सेन्टीमीटर गहराई पर डाला है।

चार किमी दूर बनाया मास्टर केयर सेन्टर-
निविदा मापदंडों के अनुसार अमृत योजना के तहत मास्टर केयर भवन का निर्माण शहरी क्षेत्र में करना था, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी से संवेदक ने इस भवन का निर्माण चार किलोमीटर दूर क्यारदाकलां गांव के बांध के पास बनाया है। इसी तरह कस्टमर केयर सेन्टर के भवन का निर्माण भी मापदंडो को दरकिनार कर दिया गया।

दिल्ली और जयपुर में हो चुकी है जांच-
योजनाओं के कार्य में गुणवत्ताहीन सामग्री के इस्तेमाल की शिकायतों पर विजिलेंस टीम ने पाइप लाइनों के नमूने संकलित किए थे। दिल्ली की श्रीराम लैबोरेट्री, जयपुर की सीपैट व एनटीएच प्रयोगशाला में नमूनों की जांच कराई गई। हर बार की जांच रिपोर्ट में पाइप लाइन की क्वालिटी संतोषप्रद पाई गई। अब टीम ने फिर से नमूने संकलित किए है। जांच कराई जाएगी।
-अशोक चौरडिया, अधिशासी अभियंता, विजिलेंस टीम(पीएचईडी) जयपुर।

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