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करौली

मानसून की देरी से किसान चिंतित

गुढ़ाचन्द्रजी. मानसून की देरी से किसान चिंतित है। बुवाई में देरी होने से फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का अंदेशा है। जून माह में बारिश केा सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार प्री-मानसूनी बारिश भी नहीं हुई है। कुछ दिनों पहले दो-तीन दिन बारिश तो हुई, लेकिन यह बुवाई के लिए पर्याप्त नहीं रही।

करौलीJun 24, 2019 / 11:46 am

Jitendra

karauli

मानसून की देरी से किसान चिंतित है।

गुढ़ाचन्द्रजी. मानसून की देरी से किसान चिंतित है। बुवाई में देरी होने से फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का अंदेशा है। जून माह में बारिश केा सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार प्री-मानसूनी बारिश भी नहीं हुई है। कुछ दिनों पहले दो-तीन दिन बारिश तो हुई, लेकिन यह बुवाई के लिए पर्याप्त नहीं रही। उधर केरल में मानसून कमजोर पडऩे से किसान चिंतित है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून में देरी हो रही है। माड़ क्षेत्र के ढहरिया, मोहनपुरा, कमालपुरा, तिमावा आदि गांवों के किसानों ने बताया कि माड़ क्षेत्र में जल रसातल में चला गया है। यहां पानी का वर्षभर संकट बना रहता है। माड़ क्षेत्र में पैदावार बर्षा पर आधारित है। बारिश के बिना यहां अकाल की स्थिति बन जाती है। बारिश के बिना बुवाई पिछड़ रही है।
किसानों ने बताया कि जून के तीसरे सप्ताह के बाद किसान आसमान में काले बादलों का इंतजार करते हुए खेत में काम कर रहे हैं। अधिकांश किसानों को बुवाई का इंतजार है। गत दिनों हुई बारिश के दौरान कई किसानों ने बुवाई कर दी, लेकिन अब तेज धूप और पर्याप्त नमी के अभाव में बीज जलने का खतरा है। किसानों के सामने सिंचाई की नौबत आ रही है। कृषि पर्यवेक्षक कैलाश चंद्रवाल ने बताया कि जून के दूसरे सप्ताह के बाद से ही खरीफ फसलों की बुवाई का उत्तम समय है। दो दिन पहले तक आसमां में छाए बादलों की घटा कमजोर पडऩे से अब तेज धूप के साथ गर्मी पड़ रही है। प्रदेश में गत वर्ष मानसून ने १७ जून को दस्तक दी थी। लेकिन इस बार मानसून की बेरूखी से बुवाई में देरी हो रही है। (पत्रिका संवाददाता)

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