इस बार रवी फसल के उत्पादन के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 2 लाख 76 हजार 722 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ। वहीं जौ का यह आंकड़ा 314 मीट्रिक टन तक पहुंचा है। इसी प्रकार चना फसल के उत्पादन की स्थिति देखें तो जिले में सिंचित-असिंचित क्षेत्र में 13721 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ और सरसों के उत्पादन के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सरसों का उत्पादन 1 लाख 62410 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। इसी प्रकार तारामीरा भी जिले में 517.5 मीट्रिक टन हुआ। सिंचित क्षेत्र में सौंप की खेती देखी जाए तो जिले में 50.5 मीट्रिक टन की पैदावार हुई। हालांकि असिंचित क्षेत्र में सौंप का उत्पादन शून्य है।
जिले में उत्पादन के तहसीलवार आंकड़ों पर नजर डालें तो गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन हिण्डौन तहसील क्षेत्र में 62444 मीट्रिक टन हुआ । वहीं अन्य करौली में 38947 मीट्रिक टन, मासलपुर में 16 हजार 830 मीट्रिक टन, सपोटरा में 46 हजार 997 मीट्रिक टन, मण्डरायल में 14 हजार 936 मीट्रिक टन, टोडाभीम में 60 हजार 988 मीट्रिक टन तथा नादौती तहसील क्षेत्र में 35890 मीट्रिक टन पैदावार हुई। इसी प्रकार जौ के उत्पादन देखा जाए तो नादौती तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक 142 मीट्रिक टन फसल उफजी। जबकि मण्डरायल में जौ की पैदावार शून्य है।
जिले में अच्छी बारिश हुई। इसके चलते जिले में इस बार उत्पादकता का क्षेत्रफल बढ़ा है। इस बार रवि फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
चेतराम मीना, कृषि अधिकारी, करौली