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करौली

मानसून की मेहरबानी से मुस्कुराई फसल, गत वर्ष के मुकाबले अधिक क्षेत्रफल में हुई फसल

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करौलीMay 16, 2019 / 11:57 pm

Dinesh sharma

karauli hindi news

मानसून की मेहरबानी से मुस्कुराई फसल, गत वर्ष के मुकाबले अधिक क्षेत्रफल में हुई फसल

करौली. नए मानसून की बेहतर उम्मीदों के बीच जिले में गत वर्ष मेहरबान रहे मानसून के सुखद परिणाम के आंकड़े सामने आए हैं। अच्छे मानसून का नतीजा यह रहा कि गत वर्ष के मुकाबले इस बार रवी की फसल में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। इस बार गेहूं की फसल 2400 से अधिक सिंचित-असिंचित हैक्टेयर में बढ़ गई, वहीं चना का भी गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष करीब साढ़े छह हजार हैक्टेयर में अधिक उत्पादन हुआ। इसी प्रकार सरसों के उत्पादकता और क्षेत्रफल पर नजर डालें तो सिंचित क्षेत्र में 17 हजार से अधिक हैक्टेयर क्षेत्रफल मेें सरसों का रकबा बढ़ा। हालांकि इस बार असिंचित क्षेत्र में सरसों की फसल के प्रति किसानों ने अधिक रुचि नहीं दर्शाई और गत वर्ष के मुकाबले सरसों की फसल 4945 हैक्टेयर क्षेत्रफल में कम हुई। वहीं जौ फसल की स्थिति देखें तो गत वर्ष के मुकाबले सिंचित क्षेत्र में यह आंकड़ा 78 हैक्टेयर कम रहा।
जिले में फसलों का गणित
इस बार रवी फसल के उत्पादन के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 2 लाख 76 हजार 722 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ। वहीं जौ का यह आंकड़ा 314 मीट्रिक टन तक पहुंचा है। इसी प्रकार चना फसल के उत्पादन की स्थिति देखें तो जिले में सिंचित-असिंचित क्षेत्र में 13721 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ और सरसों के उत्पादन के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सरसों का उत्पादन 1 लाख 62410 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। इसी प्रकार तारामीरा भी जिले में 517.5 मीट्रिक टन हुआ। सिंचित क्षेत्र में सौंप की खेती देखी जाए तो जिले में 50.5 मीट्रिक टन की पैदावार हुई। हालांकि असिंचित क्षेत्र में सौंप का उत्पादन शून्य है।
तहसीलवार उत्पादन के आंकड़े
जिले में उत्पादन के तहसीलवार आंकड़ों पर नजर डालें तो गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन हिण्डौन तहसील क्षेत्र में 62444 मीट्रिक टन हुआ । वहीं अन्य करौली में 38947 मीट्रिक टन, मासलपुर में 16 हजार 830 मीट्रिक टन, सपोटरा में 46 हजार 997 मीट्रिक टन, मण्डरायल में 14 हजार 936 मीट्रिक टन, टोडाभीम में 60 हजार 988 मीट्रिक टन तथा नादौती तहसील क्षेत्र में 35890 मीट्रिक टन पैदावार हुई। इसी प्रकार जौ के उत्पादन देखा जाए तो नादौती तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक 142 मीट्रिक टन फसल उफजी। जबकि मण्डरायल में जौ की पैदावार शून्य है।
अन्य तहसीलों में करौली में 12 एमटी (मीट्रिक टन), मासलपुर में 4 एमटी, सपोटरा में 18, हिण्डौन एमटी में 60 एमटी, टोडाभीम में 78 एमटी जौ का उत्पादन हुआ। वहीं चना का तहसीलवार उत्पादन में सपोटरा इलाका अव्वल रहा है। सपोटरा में 2580 मीट्रिक टन की पैदावार हुई, जबकि करौली में 812, मासलपुर में 430, सपोटरा में 2580, मण्डरायल में 281, हिण्डौन में 2692, टोडाभीम एमटी में 2417 एमटी, नादौती में 4509 मीट्रिक टन चना का उत्पादन हुआ है। इसी प्रकार सरसों की पैदावार की स्थिति देखें तो हिण्डौन क्षेत्र में सर्वाधिक 60299 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ। वहीं करौली में यह आंकड़ा 10313 एमटी है। मासलपुर में 8501 एमटी, सपोटरा में 23989, मण्डरायल में 9944, टोडाभीम में 28596, नदौती में 20762 मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन दर्ज किया गया।
उत्पादन में हुई वृद्धि
जिले में अच्छी बारिश हुई। इसके चलते जिले में इस बार उत्पादकता का क्षेत्रफल बढ़ा है। इस बार रवि फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
चेतराम मीना, कृषि अधिकारी, करौली

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