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करौली

जलसेन को ही बना दिया डम्पिंग यार्ड, खतरे में अस्तित्व

Jalsen was made dumping yard, existence in danger
-कचरे से अटा पड़ा है तालाब, सुध लेने वाला कोई नहीं

करौलीJan 18, 2022 / 11:58 pm

Anil dattatrey

जलसेन को ही बना दिया डम्पिंग यार्ड, खतरे में अस्तित्व

जलसेन को ही बना दिया डम्पिंग यार्ड, खतरे में अस्तित्व

हिण्डौनसिटी. पुरानी आबादी के लिए कभी प्रमुख जल स्त्रोत रहा जलसेन तालाब अस्तित्व खतरे में है। शहर से निस्तारित कचरे को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से डाल तलाब पेटे को डम्पिंग यार्ड बना दिया है। जिससे तालाब के पानी से लेकर जलभराव वाले क्षेत्र में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। आमलोग भी तालाब में जुताई कर तारबंदी कर कब्जे करने लगे हैं। किनारों पर कचरा डालकर धीरे-धीरे पाट भी रहे हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण तालाब की कोई सुध नहीं ली जा रही।
राजस्थान पत्रिका और शहर के जागरुक लोगों की पहल पर समय-समय पर नगरपरिषद के द्वारा जलसेन तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन इसके बाद से कोई भी इसकी सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है। यूं तो जलसेन तालाब की स्थिति से सभी वाकिफ हैं। सभी जानते हैं कि इस तालाब की आधी से ज्यादा जमीन को प्रभावशालियों ने कब्जा लिया है। बची हुई तालाब की जमीन के संरक्षित नही होने के कारण गंदगी डालने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जलसेन के जिन घाटों पर लोग कभी नहाया करते थे, वहां से लेकर तालाब सभी किनारे गंदगी से अटे पड़े हैं। धाकड़ों के कुआ निवासी पूर्व पार्षद ओमप्रकाश धाकड़ ने जिला प्रशासन से जलसेन पेटे में कचरा डालने पर रोक लगाने की मांग की है।

फैक्ट फाइल-
जलसेन का जल आवक क्षेत्र (कैचमेंट एरिया)- 6.73 वर्ग किलोमीटर
जलभराव क्षेत्र- 125 एकड
भराव क्षमता- 15 एमसीएफटी (5 फीट)
पाल की लंबाई- 105 चैन (10500 फीट)
घाटों की संख्या- 20
जल आवक स्त्रोत- तीन नाले
पूर्ण भराव- 1972, 1995 व 2005
वर्तमान हाल- पेटे में पानी, झाडी और कचरे से अटे घाट
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