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करौली

आस्था का केन्द्र पीर की मजार

सपोटरा. सपोटरा क्षेत्र के जीरोता गांव में पहाड़ी पर स्थित पीरबाबा स्थानीय सहित आसपास के गांवों के लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इन दिनों यहां पूजा अर्चना के लिए लोगों का तांता लगा है।

करौलीJul 28, 2019 / 12:14 pm

Jitendra

karauli

पीरबाबा के मंदिर पर प्रसादी वितरित करता श्रद्धालु।

सपोटरा. सपोटरा क्षेत्र के जीरोता गांव में पहाड़ी पर स्थित पीरबाबा स्थानीय सहित आसपास के गांवों के लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इन दिनों यहां पूजा अर्चना के लिए लोगों का तांता लगा है। शनिवार को यहां विशेष पूजा हुई। महिलाओं ने गीत गाए। बुजुर्ग बताते हैं, बारिश के दिनों में पीर बाबा की विशेष पूजा अर्चना से बारिश के दिनों में अच्छी बारिश होती है। जब से पीर बाबा की पूजा की है तभी से सपोटरा क्षेत्र में झमाझम बारिश होने लगी है। पीर बाबा को पूजने के लिए पूरा गांव पहुंचाता है। इसकी सूचना एक दिन पहले ही सभी को दे दी जाती है।
एक रात में हुआ था निर्माण
बुजुर्गों ने बताया कि यह स्थान काफी प्राचीन देश की आजादी से पहले का है। किसी को पता नहीं की पीर बाबा का मंदिर किसने बनवाया है, लेकिन इसका निर्माण एक ही रात में होने की जानकारी मिलती है। पीर बाबा के मन्दिर की खासियत ये कि एक यह एक बडी पत्थर की शिला पर टिका हुआ है।
निकलती थी दूध व पानी की धार
काफी समय पहले शिला से दूध और पानी की धार निकलना बताया जाता है। पीरबाबा का मन्दिर जिस पत्थर की शिला पर बना हुआ है उसकी नीचे से यह धार बहती थी। जहां से धार निकलती थी वहां निशान भी बने हैं। बुजुर्गों ने बताया कि किसी महिला ने यहां कपड़े धो लिए, तभी से धार निकलना बंद हो गई।
आंखों के रोग होते दूर
बताया जाता है कि एक शिला पर एक छोटा छेद है, जिसमें हमेशा पानी भर रहता है। इस छेद में कपड़ा डालकर उसका भीगा हुआ पानी आंखों पर लगाने से आंखों का दर्द आदि रोग दूर होते हैं।

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