scriptकोराना के आगे दिवंगत आत्मा भी लॉकडाउन | karauli | Patrika News
करौली

कोराना के आगे दिवंगत आत्मा भी लॉकडाउन

गुढ़ाचन्द्रजी. देश और दुनिया में कोराना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। वायरस से बचने के लिए लोग घरों में लॉकडाउन है। हाल ये है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसकी दिवंगत आत्मा भी लॉकडाउन होकर रह गई है, क्योंकि न क्रिया कर्म हो पा रहे हैं, ना ही उसकी अस्थियां पवित्र जलस्रोतों गंगा आदि में विसर्जित हो पा रही है।

करौलीApr 09, 2020 / 09:15 pm

Jitendra

कोराना के आगे दिवंगत आत्मा भी लॉकडाउन

गुढ़ाचन्द्रजी के तिमावा गांव में पीपल के पेड़ की टहनी में कपड़े में बंधी रखी अस्थियां।

गुढ़ाचन्द्रजी. देश और दुनिया में कोराना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। वायरस से बचने के लिए लोग घरों में लॉकडाउन है। हाल ये है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसकी दिवंगत आत्मा भी लॉकडाउन होकर रह गई है, क्योंकि न क्रिया कर्म हो पा रहे हैं, ना ही उसकी अस्थियां पवित्र जलस्रोतों गंगा आदि में विसर्जित हो पा रही है। लॉकडाउन के चलते आवागमन के साधन बंद है। लोगों को घरों से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। ऐसे मृत व्यक्ति आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले कर्मकांड भी लॉकडाउन होकर रह गए हैं। अस्थी विसर्जन के बिना लोग मृत व्यक्ति के १२ दिनों के क्रिया कर्म को नहीं कर पा रहे। दाह संस्कार, तीए की बैठक आदि कार्यों में बाहर से परिचित, रिश्तेदार आदि नहीं आ पा रहे। केवल औपचारिकताएं पूरी हो रही है।
केस एक
दलपुरा निवासी पप्पू व लालाराम ने बताया कि उसके पिता खूंटयाराम की मौत १ अप्रेल को हो गई थी। इसके बाद ३ अप्रेल को उसके तीये की बैठक भी नहीं हुर्ई। अब उनके पिता की अस्थियां को हरिद्वार स्थित गंगानदी में विसर्जित करने जाना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते पिता की अस्थियां घर पर ही बक्से में रखी है।
केस दो
तिमावा गांव निवासी पप्पू राम व मुकेश ने बताया कि उनके भाई लखनलाल की २९ मार्च को मौत हो गई थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण उसकी अस्थियों को सौंरोजी नहीं ले जा पा रहे हैं। इस कारण तीये की बैठक सहित नहान व बारहवें की रस्म नहीं हुई। अस्थियों को भी पीपल के पेड़ की टहनी में एक कपड़े में बांधकर लटका रखी है।
केस ३
बाड़ा गांव निवासी रामप्रसाद मीना ने बताया कि उसके पुत्र मलकेश की ३१ मार्च को हद्यगति रूक ने से मौत हो गई थी। मृतक के पिता रामप्रसाद व मां मोटा देवी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अपने मृतक बेटे की अस्थियों को गंगा में विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं। अस्थियों को पीपल के पेड़ के नीचे जमीन में दबा कर रखी हुई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो