scriptरक्त जीवन का आधार, जागरुकता की दरकार, कार्यशाला में रक्तदान पर दिया जोर | karauli hospital workshop | Patrika News
करौली

रक्त जीवन का आधार, जागरुकता की दरकार, कार्यशाला में रक्तदान पर दिया जोर

करौली. जिला चिकित्सालय प्रशासन की ओर से गुरुवार को यहां एएनएम ट्रेनिंग सेन्टर के सभागार में हीमोफीलिया-थैलेसिमिया एवं स्वैच्छिक रक्तदान पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने अधिकाधिक रक्तदान पर जोर दिया।

करौलीDec 05, 2019 / 09:41 pm

Dinesh sharma

रक्त जीवन का आधार, जागरुकता की दरकार, कार्यशाला में रक्तदान पर दिया जोर

रक्त जीवन का आधार, जागरुकता की दरकार, कार्यशाला में रक्तदान पर दिया जोर

करौली. जिला चिकित्सालय प्रशासन की ओर से गुरुवार को यहां एएनएम ट्रेनिंग सेन्टर के सभागार में हीमोफीलिया-थैलेसिमिया एवं स्वैच्छिक रक्तदान पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने अधिकाधिक रक्तदान पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि मानवता के लिए आमजन को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए, ताकि चिकित्सालय की ब्लड बैंक को संबल मिलने के साथ जरुरतमंद को समय पर रक्त मिल सके।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में भरतपुर संभाग के ब्लड सैल अधिकारी पवन शर्मा ने चिकित्सालय की ब्लड बैंक की स्थिति पर अचरज जाहिर किया। वे बोले कि ब्लड बैंक में महज 10-12 यूनिट रक्त रहना चिंतनीय है। इसके लिए उन्होंने जनजागरुकता के माध्यम से आमजन को रक्तदान के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। वे बोले यहां पर जबरदस्त तरीके से फ्री में रक्त दिया जा रहा है।
चिकित्सालय प्रशासन से फ्री (बिना रक्त लिए) में रक्त देने की व्यवस्था में सुधार का सुझाव दिया। पीएमओ डॉ. दिनेश गुप्ता ने ब्लड बैंक में रक्त उपलब्धता के लिए आमजन से सोच बदलकर रक्तदान करने की अपील की। वे बोले कि ब्लड हरव्यक्ति के अंदर है, केवल सोच का अंतर है। लोग लेना तो चाहते हैं, लेकिन देना नहीं चाहते। इसके प्रति लोगों को जागरुक होना होगा।
चिकित्सालय के उपनियंत्रक डॉ. भुवनेश बंसल ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हीमोफीलिया-थैलेसीमिया पीडि़तों को रक्त की सर्वाधिक जरुरत रहती है। ऐसे में लोग रक्तदान के लिए आगे आएं। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. धर्मबाई मीना ने हीमोफीलिया-थैलीसिमिया को लेकर प्रकाश डाला। कार्यशाला में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. विजयसिंह मीना, डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. सुशील मीना, डॉ. पुनीत ओझा, हाजी रुखसार अहमद, मोहित मित्तल, ब्लड बैंक के भूपेन्द्र शर्मा, प्रमोद गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे। कार्यशाला का संचालन जिला क्षय रोग निवारण केन्द्र के अनिलकुमार शर्मा ने किया।
व्यवस्थाएं सुधारोगे तो ब्लड बैंक को मिल जाएगा संबल
कार्यशाला में रक्तदाताओं सहित अन्यजनों ने चिकित्सालय प्रशासन से ब्लड बैंक अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत भी की। रक्तदाता बोले कि ब्लड देने के लिए कमेटी तो बनी है, लेकिन कमेटी सदस्यों को कभी बुलाया ही नहीं जाता। बिना रक्त लिए रक्त देने की अव्यवस्था से ही ब्लड बैंक का यह हाल हो रहा है। रक्तदान के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए जनजागरुकता अभियान चलाने का भी सुझाव दिया।
व्याख्याता व रक्तदाता सीताराम खण्डलेवाल ने कहा कि ब्लड बैंक में यह पारदर्शिता होनी चाहिए कि कितना रक्त आता है, कितना दिया जाता है। वहीं व्याख्याता डॉ. विश्राम बैरवा बोले कि रक्तदाताओं का समय-समय पर सम्मान किया जाए, ताकि वे स्वयं सहित अन्यजने प्रेरित हों। अनिल शर्मा मेडिकल वाले ने कहा कि जिला चिकित्सालय में ब्लड का टोटा रहता है, जबकि निजी अस्पतालों में ब्लड की उपलब्धता रहती है। यदि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, तो रक्तदाता भी आगे आएंगे।
रक्तदाता सुमित गर्ग, रिजवान खान आदि ने भी अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत करते हुए सवाल किए। इस पर चिकित्सालय के उपनियंत्रक डॉ. भुवनेश बंसल ने सभी सवालों का जवाब देते हुए व्यवस्थाओं में सुधार का विश्वास दिलाया।

Home / Karauli / रक्त जीवन का आधार, जागरुकता की दरकार, कार्यशाला में रक्तदान पर दिया जोर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो