तालाब क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसी शर्त पर स्वीकृति जारी की गई है। ऐसे में तालाब में केवल सोलर एवं पैडल नाव ही संचालित होगी। नगरपरिषद के आयुक्त पंकजकुमार मीना ने बताया कि जिला कलक्टर की ओर से रणगवां तालाब को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए वोटिंग की स्वीकृति जारी की गई है। उन्होंने बताया कि वोटिंग के लिए टेण्डर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसकी तैयारियां की जा रही हैं।
गौरतलब है कि करौली के समीप नगरपरिषद क्षेत्र में स्थित रणगवां तालाब मण्डरायल मार्ग पर स्थित है, जो प्राचीन समय से ही रमणीक स्थल है। यहां पर अनेक लोग पहुंचते हैं। इसके समीप ही सिविल लाइन्स भी है। गत वर्षों में ही रणगवां तालाब पर पर्यटन व विकास कार्यों पर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई थी। घाटों का निर्माण कराने के साथ गुर्ज आदि का भी जीर्णोद्धार कराया गया था। तालाब पर वोटिंग की कवायद के दौरान जिला प्रशासन की ओर से संबंधित पांच विभागों को एनओसी के लिए पत्र लिखा गया था, जिनसे एनओसी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने नगरपरिषद को स्वीकृति जारी की है।
इन शर्तों पर मिली अनुमति
पर्यावरण के मद्देनजर इको फ्रेंडली वोटिंग ही तालाब में होगी। रणगवां तालाब में पर्यटन के लिए केवल सोलर, बैटरी एवं पैडल नाव ही चलाई जा सकेंगी। इसके अलावा अन्य किसी प्रकार की नाव का संचालन नहीं होगा। वहीं तालाब के घाट पर दुकान, कैंटीन एवं अन्य किसी प्रकार का वाणिज्यिक निर्माण नहीं किया जाएगा।
तालाब परिषद क्षेत्र में प्रवेश के दौरान किसी भी प्रकार का ठोस-तरल कचरा लेकर जाना प्रतिबंधित होगा। मण्डरायल रोड पर स्थित तालाब के समीप वन क्षेत्र की सुरक्षा दीवार को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। साथ ही किसी भी प्रकार की कोई भी वाणिज्यिक गतिविधियां सुरक्षा दीवार के अंदर एवं उसके समीप नहीं होंगी। अपशिष्ट वस्तु प्लास्टिक, पॉलिथीन, ठोस पदार्थ सीमा के अंदर नहीं डाली जाएंगी। किसी भी प्रकार का कोई अवैध अतिक्रमण क्षेत्र की सुरक्षा दीवार के अंदर नहीं किया जाएगा।
तालाब पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जारी दिशा निर्देशों की पालना की जाएगी।