बैंसला ने कहा कि शहर में 90 करोड़ रुपए कर लागत की जल योजना बनने के बाद भी लोग पानी को भटक रहे हैं। जल योजनाओं से शहरवासियों के जरुरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है। इसके लिए जिम्मेदार अभियंता स्थानांतरण और सेवानिवृति होने पर भी जवाबदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि पानी जैसे गंभीर मामले में घोटाला करने वालों को नहीं छोड़ेंगे। वे खुद जिम्मेदार अभियंता के घर पहुंचेंगेे और इसका जवाब मांगेेंगे कि काम पूरा होने से पहले ही भुगतान के कागजों पर दस्तख्त कैसे किए गए। चाहे वह कर्नल बैंसला का दोस्त ही क्यों न हो। वे छोडऩे वाले नहीं हैं। अब चौराहे पर बैठ कर निर्णय होगा। घोटाले करने वालों का पर्दाफांश किया जाएगा।
बैसला ने राज्य सरकार व जिले के जनप्रतिनिधियों को भी आड़े हाथ लिया। पूर्वी राजस्थान के लोग पेयजल संकट से जूझ रहा है और सरकार दिल्ली में नया राजस्थान हाउस का निर्माण करा रही है। सरकार जनता की मूलभूत जरूरत को भूल फिजूल के कामों के धन खर्च करने से परहेज नहीं कर रही। वहीं जिले में चम्बल को पानी लाने का प्रयास करने की बजाय जिले के विधायक सूखी गंभीर नदी में एनीकट बनवा रहे हैं। सरकार 70 करोड़ रुपए दिल्ली में खर्च कर रही हैं, 9 करोड़ रुपए से सूखी नदी में एनीकट बना रहे हैं। फिर सरकार कहेगी कि पैसे नहीं है।