कंचनपुर, लखनीपुर गांव के ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2001—02 में जनता जलयोजना स्थापित की गई थी। योजना के तहत जल आपूर्ति के लिए भाऊआ गांव में नलकूप एवं कंचनपुर व लखनीपुर गांवों में भूतल टंकी का निर्माण कराया गया।
नलकूप से कंचनपुर व लखनीपुर गांव तक करीब डेढ़ किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई गई। जलयोजना का कार्य पूर्ण होने पर जलयोजना पर विद्युत निगम की ओर से विद्युत कनेक्शन भी दे दिया गया। लेकिन जलयोजना से ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी नहीं मिला। योजना में बनाई गई टंकी करीब 16 साल से खाली पड़ी हुई है।
राज्य सरकार द्वारा बनी जनता जल योजना जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग की वे पेयजल योजनाएं हैं, जिनको जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग द्वारा तैयार करने के उपरान्त, संचालन हेतु ग्राम- पंचायतों को सुुपुर्द की जाती रही हैं। अधिकारी कहते रहे हैं कि सूबे में पानी की समस्या इस योजना से तेजी से दूर हुई है। बीकानेर एवं जैसलमेर ज़िलों को छोड़कर, शेष 31 ज़िलों की 222 पंचायत समितियों में 6523 जनता जल योजनाएं संचालित हैं, जिनमें 7301 अंशकालीन पम्प चालक कार्यरत हैं। इन योजनाओं का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है।
जबकि, हकीकत में जलदाय विभाग के मुताबिक भी राज्य में 292 गांव ही ऐसे हैं, जो पाइप लाइनों से कनेक्ट नहीं हुए हैं और ये सभी गांव पश्चिमी राजस्थान के हैं। जबकि, पूर्वी राजस्थान के भी दो दर्जन से ज्यादा गांवों में पानी का अभाव है। न बिजली आ रही है और न पानी की सप्लाई हुई है।
श्रीमहावीरजी जिला प्रभारी सचिव राजेश यादव ने कहा— यह सरकार की प्राथमिकता है कि सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो, लेकिन वह यहां कुछ कर नहीं पा रही। राजेश ने अधिकारियों से कहा कि जहां भी टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाना है, उन्हें पूर्व में ही चिन्हित कर पेयजल सप्लाई शुरु कर दी जाए। पूछे जाने पर एईएन ने बताया कि क्षेत्र में 1150 हैंडपम्प स्थापित हैं, जिसमें से 261 हैंडपंप सूख गए हैं। कुछ हैंडपंपों के पाइप खराब हैं, कहीं पानी दे भी रहे हैं।