जमीनी विवाद के चलते याशमीन को परिवार के ही कुछ दबंगों ने तेजाब डालकर जला दिया था। यासमीन पिछले एक साल से कभी चौकी, कभी थाने तो कभी आलाधिकारियों की चौखट खटखटा रही है लेकिन योगी की खाकी का कलेजा नहीं पसीजा। महिला का आरोप है कि करीब एक साल पहले जमीनी विवाद के चलते उस पर तेजाब फेंक दिया गया था। यहां तक कि पुलिस ने पैसों की खातिर दो बार एफआर भी लगा दी। कार्रवाई के नाम पर अगर यासमीन को कुछ मिला तो सिर्फ जूठी तसल्ली। यासमीन योगी की खाकी से तंग आकर अब आत्महत्या तक कर लेने की बात कह रही है। यासमीन की सिसकियां सबूत हैं इस बात का कि वह सिस्टम के इस चक्कर से परेशान हो चुकी है।
वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि महिला ने प्रार्थना पत्र देकर यह अपेक्षा की है कि विवेचना किसी अन्य थाने में ट्रांसफर कर दी जाए। इस आधार पर महिला की विवेचना को सहावर थाने में ट्रांसफर कर दी गयी है।