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कासगंज

शारदीय नवरात्र 2019: इस मंदिर में पीपल के पेड़ से प्रकट हुई थी मां चामुण्डा की प्रतिमा, सच्चे दिल से मांगी मुराद जरूर होती है पूरी

मां तरौरा वाली चामुण्डा महारानी के मंदिर की अनोखी है कहानी।

कासगंजOct 05, 2019 / 05:08 pm

suchita mishra

कासगंज। नवरात्र में मातारानी का विशेष पूजन होता है। इन नौ दिनों को जागृत माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्र मातारानी को बेहद प्रिय हैं और इन दिनों में सच्चे दिल से की गई पूजा जरूर सफल होती है। यही कारण है कि नौ दिनों तक पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। हर कोई माता को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहता है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां माता स्वयं विराजती हैं।
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हम बात कर रहे हैं कासगंज जनपद की मां तरौरा वाली चामुण्डा महारानी के मंदिर की। मान्यता है कि यहां मां चामुण्डा की प्रतिमा किसी ने स्थापित नहीं की, बल्कि वो स्वयं पीपल के पेड़ से प्रकट हुई थी। ये माता तरौरा वाली चामुण्डा देवी के नाम से आसपास के इलाके में प्रसिद्ध हैं। नवरात्र के मौके पर दूर दूर से भक्त यहां आकर मातारानी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे दिल से कुछ मांगता है, मां उसकी मुराद जरूर पूरी करती हैं। माता के दरबार में आए भक्त संतोष अग्रवाल ने बताया कि कि मंदिर की एक और विशेषता है, यदि यहां शादी के लिहाज से किसी कन्या को वर पक्ष को दिखाया जाए तो उसका विवाह वहां जरूर होता है। साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखद रहता है।

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