यह भी पढ़े: घर की निर्धनता दूर करने के लिए नवरात्र के दिनों में करें ये उपाय, देखें वीडियो हम बात कर रहे हैं कासगंज जनपद की मां तरौरा वाली चामुण्डा महारानी के मंदिर की। मान्यता है कि यहां मां चामुण्डा की प्रतिमा किसी ने स्थापित नहीं की, बल्कि वो स्वयं पीपल के पेड़ से प्रकट हुई थी। ये माता तरौरा वाली चामुण्डा देवी के नाम से आसपास के इलाके में प्रसिद्ध हैं। नवरात्र के मौके पर दूर दूर से भक्त यहां आकर मातारानी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे दिल से कुछ मांगता है, मां उसकी मुराद जरूर पूरी करती हैं। माता के दरबार में आए भक्त संतोष अग्रवाल ने बताया कि कि मंदिर की एक और विशेषता है, यदि यहां शादी के लिहाज से किसी कन्या को वर पक्ष को दिखाया जाए तो उसका विवाह वहां जरूर होता है। साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखद रहता है।