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ढाई साल में आउटडेट हो गए 16 लाख के टैबलेट, अब फिर फूंके जा रहे 18 लाख, जानिये क्यों

स्वास्थ्य विभाग ने बांटे गुणवत्ताविहीन टैबलेट, काम न करने पर हो रही बदलकर नए खरीदने की प्रक्रिया, एक टैबलेट के बदले 9 से 10 हजार रुपए का किया जा रहा एएनएम को भुगतान

कटनीMar 02, 2019 / 11:35 am

balmeek pandey

patrika

UPCOP mopbile app launched by UP police

कटनी. 22 मई 2016 को जिले की 180 विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ एएनएम को लगभग 9 से 10 हजार रुपए कीमती टैबलेट दिए गए थे। ये टैबलेट राज्य द्वारा दिया जाना बताया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने के लिए इस टैबलेट में अनमोल एप के माध्यम से एएनएम को अपने दिनभर की रिपोर्टिंग अपलोड करना था। इसमें लगभग 16 लाख 20 हजार रुपए खर्च किया जाना बताया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि ये टैबलेट ढाई साल में ही खराब हो गए हैं और अब सीएमएचओ ऑफिस में पुराने टैबलेटों को बगैर सुधार के खास प्रयास किये ही आउटडेटेड मानकर नए टैबलेट खरीदने की निर्णय ले लिया गया है। इस टैबलेट में अब एक एएनएम को लगभग 10 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है। याने की अब 18 लाख रुपये फिर से फूंके जा रहे हैं। जबकि सभी के हाथ में एन्ड्रायड फोन है और सभी फोन में अनमोल एप आसानी से चल सकता है, इसके बाद भी नए टैबलेट लिए जा रहे हैं। बता दें कि जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अनमोल एप तैयार कर टैबलेट खरीदने का आदेश दिया था। जिले में पदस्थ सभी एएनएम को दिनभर में किए गए कार्यों की जानकारी एप से सीधे आरसीएच पोर्टल पर डालने के निर्देश हैं। अभी भी जिले में रिपोर्टिंग फीड करने का प्रतिशत 65 से 70 फीसदी ही है।

टैबलेट को लेकर खास-खास:
– किसी की बैटरी चार्ज नहीं हो रहा तो किसी को गिरने से खराब बताकर लिया गया बदले जाने का निर्णय।
– डाटा अपलोड नहीं होने और साफ्टवेयर एक्सेप्ट नहीं करने की टैबलेट में आ रही है शिकायत।
– एएनएम लेवर पर ही सुधार का हुआ प्रयास, मॉनीटरिंग ऑफिसर और सीएमओ ने नहीं किए प्रयास।
– राज्य से दिए गए थे टैबलेट इसलिए कोई भी अधिकारी नहीं उठाया आवाज, अब बदलने का निर्णय।
– स्वास्थ्य केंद्र के सभी गांवों का डाटा लिंक करना, नए दंपति, नई गर्भवती महिला और नए शिशु का पंजीयन।

दिनभर की रिपोर्टिंग
प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अबतक एएनएम गांवों में जाकर नई गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों का सर्वे कर स्वास्थ्य केन्द्र पर आकर रजिस्टर में जानकारी दर्ज करती थी। ऐसे में जिला स्तर तक डाटा पहुंचने में काफी समय लग जाता था। साथ ही एएनएम क्या काम कर रही हैं, पता नहीं चलता था। अनमोल एप से हितग्राहियों की जानकारी सीधे आरसीएच पोर्टल पर डाली जा सकती है। एएनएम को दिनभर की जानकारी तत्काल फीड करनी होती है। इसका लॉग इन पॉसवर्ड जिला मुख्यालय एवं भोपाल के पास भी है, जिसके जरिए मॉनिटरिंग के साथ ही समय-समय पर कार्यक्रम की समीक्षा भी हो रही है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी सेवाओं की सांख्यकी एवं अॅान लाइन एंट्री के लिए अनमोल एप का उपयोग अगस्त से अनिवार्य कर दिया गया है। 1

इनका कहना है
तीन साल पहले जिले की एएनएम को टैबलेट दिए गए थे। उन टैबलेटों में कुछ समस्या होने के कारण नए खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए एएनएम को खाते में 9 से 10 हजार रुपए की राशि दी जा रही है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

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