हाथ धुलाई की भी व्यवस्था
खास बात यह है कि इसमें बच्चों के लिए अलग से वॉश बेसिन बनाया गया है, ताकि बच्चे निस्तार के बाद, खाना खाने से पहले सहित अन्य काम से पहले हाथ धुलना खेल-खेल में सीख सकें। इसमें सीट बच्चों वाली लगाई गई ताकि प्रयोग में बच्चों को सुविधा हो। इसके अलावा दरवाजा कम ऊंचाई का है, ताकि बच्चे को कोई परेशानी न हो।
बच्चों के लिए खास हैं टॉयलेट
खास बात यह है कि इन बॉल टायलटों को खासढंग से बनाया गया है। टॉयलेटों में अच्छी चित्रकारी की गई है, ताकि बच्चे खेल-खेल में स्वच्छता को समझ सकें और इसे जीवन में उतारें। यदि बच्चे बचपन से ही स्वच्छता के महत्व को जानने लेंगे तो फिर वे आगे चलकर भी स्वच्छता में आगे रहेंगे। अब इस तरह से अन्य आंगनवाडिय़ों में भी पहल की जाएगी।
इनका कहना है
266 में से 194 बाल टॉयलेट तैयार हो गए हैं। शेष का एक सप्ताह के अंदर निर्माण हो जाएगा। बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते निर्माण हुआ है, ताकि बचपन से बच्चों में आदत डाली जा सके।
जगदीश चंद्र गोमे, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी।