ऑटो या दूसरे साधनों से महंगा किराया देकर पहुंच रहे गंतव्य स्थानों तक, बसों के अधिग्रहण ने बढ़ाई यात्रियों की परेशानी
कटनी•Nov 29, 2018 / 12:29 pm•
dharmendra pandey
Distraction silence from city to rural routes
कटनी. उमरिया जिले के चंदिया में काम करने वाली सुनीता बाई कुशवाहा को रविवार को ट्रेन से कटनी तो आ गई, पर उसे तेवरी जाने के लिए बस नहीं मिली। मिशन चौक पर खड़े होकर स्लीमनाबाद-तेवरी की तरफ जाने वाली बस का घंटो इंतजार किया। उसके बाद भी जाने के लिए बस नही मिली। इसके बाद वह एक ऑटो पर बैठकर गंतव्य स्थान के लिए रवाना हुई। रविवार को बसों के नहीं आने की परेशानी अकेले सुनीता को ही नहीं, बल्कि कई ऐसे यात्रियों को उठानी पड़ी जिनको समय पर घर पहुचना था।
दरअसल 28 तारीख को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। केंद्रों तक मतदान सामग्री व मतदान कर्मियों को पहुचाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा बसों का अधिग्रहण किया गया है। जिसके कारण सड़कों पर से बसें दिखना बंद हो गई है। आलम यह है कि बस स्टैंडों पर घंटों खड़े होने के बाद भी लोगों को बसें नहीं मिल रही है। जिसके चलते परेशान होना पड़ रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर सन्नाटा हुआ है।
366 बसों का किया अधिग्रहण, 29 के बाद ही दिखेंगी सड़कों पर
जिले में २८ तारीख को होने वाले मतदान के लिए एक दिन पहले ही समस्त बूथों पर मतदान सामग्री व मतदान कर्मियों को पहुंचना होगा। ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 24 तारीख यानि शनिवार को ही बसों का अधिग्रहण कर लिया गया है। इसमें 366 बसें शामिल हैं। विभिन्न रूटों पर चलने वाली अब ये बसें मतदान कराकर २९ तारीख को वापस लौटेगी। ३० तारीख से रूटों पर दिखाई देंगी। ऐसी स्थिति में चार से पांच दिन तक आवागमन के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
स्लीमनाबाद, विजयराघवगढ़, बरही जाने परेशान हुए लोग
चुनाव ड्यूटी के लिए बसों को अधिग्रहित किए जाने के बाद रविवार को ग्रामीण रूटों पर सन्नाटा पसरा रहा। स्लीमनाबाद, विजयराघवगढ़, बरही, बहोरीबंद, रीठी, कैमोर सहित अन्य ग्रामीण रूटों पर चलने वाली बसें गायब रहीं। घंटों इंतजार करने के बाद बसें नहीं मिली। गंतव्य स्थानों तक पहुंचने के लिए लोग महंगा किराया देकर ऑटो व दूसरे साधनों से सफर किए।
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