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इस अस्पताल में बगैर डॉक्टर के मरीज हो रहे ठीक!, हकीकत कर देगी हैरान

कटनी ट्रामा सेंटर का मामला

कटनीMay 08, 2018 / 12:13 pm

balmeek pandey

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कटनी. किसी भी गंभीर बीमारी…, हादसे या अन्य समस्या पर परिजन मरीज को अस्पताल सिर्फ इसी आस को लेकर पहुंचते हैं कि कलियुग के भगवान उन्हें नई जिंदगी बख्शेंगे। लेकिन जब भगवान ही न मिले तो फिर यह सपना पूरा होना संभव नहीं। ऐसा ही हाल है इन दिनों जिला अस्पताल का। किसी तरह ५ साल में ट्रामा यूनिट बनकर तैयार हुआ। अघोषित तौर पर ट्रामा सेंटर में मरीजों का उपचार व भर्ती होना शुरू हो गया है। हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक ट्रामा सेंटर के लिए शासन स्तर से विशेषज्ञों, डॉक्टरों सहित अन्य स्टॉफ की पदस्थापना ही नहीं की गई। जबकि फरवरी माह में ही प्रदेश के २१ जिला चिकित्सालयों के लिए पदस्थापना के आदेश जारी हो चुके हैं। जिला अस्पताल में पहले ही लगभग ६० फीसदी डॉक्टर सहित स्टॉफ की कमी है। अस्पताल के स्टॉफ को ही ट्रामा सेंटर की कमान सौंपी जा रही है। ऐसे में बगैर डॉक्टर के ही जिला अस्पताल में मरीजों की जान बचाने का दावा किया जा रहा है। ट्रामा यूनिट की इस समस्या पर न जो जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान है और ना ही जनप्रतिनिधियों का।

२६३० पद भरे जाने जारी हुए थे आदेश
मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय ने ५ फरवरी २०१८ को आदेश जारी किया था। इसमें प्रदेश के ५१ जिलों में ट्रामा यूनिट की स्थापना पर जिले के मान से पदों का सृजन किया जाना बताया गया है। कुल २६३० अतिरिक्त पदों को सृजन करने की बात कही गई है। अतिरिक्त पदों की स्वीकृति में सामान्य क्षेत्रों के २१ जिला चिकत्सालयों में कटनी का नाम भी शामिल था। इसके बाद भी अबतक पदस्थापना नहीं हुई।

 

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ट्रामा यूनिट के लिए ये स्वीकृत हुए हैं पद
पदनाम पूर्व से स्वीकृत पद अति. स्वीकृत पद कुल पद
मेडिकल विशेषज्ञ ०१ ०१ ०२
शल्य विशेषज्ञ ०० ०२ ०२
निश्चतेतना विशेषज्ञ ०१ ०२ ०३
अस्थित रोग विशे. ०१ ०२ ०३
चिकित्सा अधिकारी ०५ ०६ ११
स्टॉफ नर्स ०० २५ २५
रेडिग्रॉफर ०० ०२ ०२
लैब टैक्नीशियन ०२ ०२ ०४
ओटी टैक्नीशियन ०० ०४ ०४
ड्रेसर-०२ ०० ०४ ०४
वार्ड ब्वॉय ०० ०४ ०४
वाहन चालक ०० ०२ ०२
सफाई कर्मचारी ०० ०४ ०४
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योग- ०८ ६० ६८
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ट्रामा सेंटर को लेकर खास-खास
– २०१४ में शुरू हुआ था जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर के निर्माण का कार्य।
– बार-बार ड्राइंग डिजाइन बदलने व ठेकेदार की लेटलतीफी आई सामने।
– ट्रामा सेंटर के लिए ४ करोड़ १९ लाख रुपए किए गए हैं खर्च।
– तीन फ्लोर में बना ट्रामा सेंटर।
– निर्माण में गुणवत्ता से हुआ है खिलवाड़।

ये है ट्रामा सेंटर की स्वरूप
ग्राउंड फ्लोर में ५ कमरे डॉक्टरों के लिए, एक वार्ड, दो लेवर रूम, एक नर्स ड्यूटी रूम, एक डॉक्टर ड्यूटी रूम, कोर्ट यार्ड एरिया, यूरिन टेस्ट रूम, मरीजों के आगवामन के लिए शेड का निर्माण कराया गया है। फस्ट फ्लोर में तीन वार्ड, चार डॉक्टर केबिन, एक पैथॉलोनी लैब, एक आई वार्ड, एक आई वार्ड की ओटी, एनआरसी सेंटर, दो लेट-बॉथ, मेजर ओटी, माइनर ओटी, वेटिंग ऐरिया, रैम्प बना हुआ। सेकंड फ्लोर में ६ प्राइवेट कमरे, दो वार्ड, एक स्टोर रूम सहित यहां पर भी शेड बना है।

 

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इनका कहना है
कलेक्टर के आदेश पर ट्रामा सेंटर में मरीजों का उपचार व भर्ती करने का काम शुरू कर दिया गया है। अभी स्वीकृत पदों पर भर्ती नहीं हुई है। पुराने स्टॉफ से ही काम चलाया जा रहा है।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।

ट्रामा सेंटर के उद्घाटन के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर बात चल रही है। शीघ्र ही उद्घाटन के साथ ही स्टॉफ की समस्या समाधान के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
संदीप जायसवाल, विधायक।

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