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सांस लेने में हो रही थी तकलीफ
प्रीतम के भाई ने बताया कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया था। प्रीतम की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ रही थी। काफी समय बाद पता चला कि ऑक्सीजन सिलेंडर ही बंद है। जब परिजनों ने हल्ला मचाना शुरू किया तो ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने आनन-फानन में ऑपरेटर बुलवाया और ऑक्सीजन सिस्टम चालू कराया तब मरीज की हालत में कुछ सुधार हुआ। परिजनों ने इस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मरीजों की जान से खिलावाड़ के मामले सामने आ रहे हैं और जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं।
इनका कहना है
मुझे जानकारी लगी है कि एक मरीज के उपचार के दौरान लगा ऑक्सीजन सिलेंडर बंद था। मरीज के उपचार के समय ऑक्सीजन सिस्टम क्यों बंद था इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।