scriptManoj Tiwari: ‘रिंकिया के पापा’, मनोज तिवारी के चुनावी सभा में हो रही गानों की धूम, भोजपुरी अंदाज में मतदाताओं को लुभा रहे | North east delhi lok sabha seat rinkiya ke papa starar manoj tiwari bjp candidate | Patrika News
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Manoj Tiwari: ‘रिंकिया के पापा’, मनोज तिवारी के चुनावी सभा में हो रही गानों की धूम, भोजपुरी अंदाज में मतदाताओं को लुभा रहे

North East Delhi Lok Sabha Seat: उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार मनोज तिवारी के साथ डॉ मीना कुमारी का एक दिन कैसा रहा, पढ़ें पूरी खबर..

नई दिल्लीMay 21, 2024 / 10:14 am

Anish Shekhar

North East Delhi Lok Sabha Seat: सुबह के 6.15 बजे हैं। मुझे आज उत्तर पूर्व दिल्ली से भाजपा के प्रत्याशी मनोज तिवारी के पूरे दिन की चुनावी व्यस्तता को कवर करना है तो मैं सुबह ही उनके आवास पर पहुंच गई। मेरे पहुंचने से पहले ही मनोज तिवारी दैनिक कार्यों से निवृत होकर और पूजा-पाठ कर परिवार तथा पार्टी के कोर कार्यकर्ताओं के साथ नाश्ता करने बैठ चुके थे। नाश्ते में पूर्वांचल व बिहार का परंपरागत दही चिउड़ा और एक फल। नाश्ते के साथ बीच-बीच में हंसी-मजाक के बीच दिनभर की चुनावी रैलियों, बैठकों की योजना पर बातचीत चलती रही। विभिन्न टीमों की दिनभर की जिम्मेदारियों का को-ऑर्डिनेशन तय किया गया।
चुनावी सभाओं के लिए घर से निकलने की तैयारी हो चुकी है। बाहर निकलने से पहले तिवारी ने बच्चे को गोद में उठाकर दुलार किया। तभी बाहर आंगन में 50-55 कार्यकर्ता पहुंच गए। उन सभी से बातचीत की और घर में मौजूद लोगों को उन सभी की चाय-पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा। इस बीच लगे हाथ मीडियाकर्मियों से बातचीत भी कर ली।
इन सबसे निपटकर काफिला घर से बाहर निकल पड़ा। आज उनका अपने संसदीय क्षेत्र के बुराड़ी, मुस्तफाबाद, विजय नगर, ढाका गांव, मलिकपुर, टैगोर पार्क, बेस्ट परमानंद नगर, हकीकत नगर, मुखर्जी नगर, जगतपुरी एक्सटेंशन, सीमापुरी, संत नगर, वीर बाजार, कादीपुर, झड़ौदा, तीमारपुर, ज्योति नगर-बाबरपुर में विभिन्न स्थानों पर जनसंपर्क व जनसभाओं का कार्यक्रम है।
आज के कार्यक्रम का श्रीगणेश कौशिक एनक्लेव बुराड़ी में जनसंपर्क से है। वहां पहुंचकर स्थानीय कार्यकर्ता लपक कर उनका स्वागत करते हैं। तीक्ष्ण स्मृति के मनोज तिवारी को प्रभारी से लेकर सामान्य कार्यकर्ता तक का नाम जुबानी याद है। हरेक को वह नाम लेकर पुकारते हैं। गलबहियां डालकर दोस्त की तरह पेश आते हैं। उनकी कुशलक्षेम जानते हैं। जनसंपर्क के लिए कारवां आगे बढ़ता है। सुबह 8.30 बजे ही सूरज का ताप प्रखर होने लगा है। गरमी में किसी की तबियत न बिगड़े, इसके लिए वह कार्यकर्ताओं से जगह-जगह पानी के इंतजाम के बारे में पूछते हैं।
रास्ते में जहां कहीं उत्तर प्रदेश, बिहार के भोजपुरी भाषी लोग मिल जाते तो सीधे हिंदी से भोजपुरी पर पहुंच जाते और उन लोगों से भोजपुरी में बतियाते हुए उनसे सीधा कनेक्ट करने लगते। रैली में जनता पर फूल बरसाते हुए और बीच-बीच में स्थानीय लोगों से माला पहनते हुए अभिवादन कर अगली जगह जनसंपर्क के लिए आगे बढ़ते चले जाते।
दोपहर के भोजन का कुछ विशेष तय नहीं रहता। घर से लाया हुआ भोजन या जहां कहीं कुछ मिल गया, वहीं पालथी मार लेते हैं। कई बार समय रहने पर किसी कार्यकर्ता के घर भोजन करने का मौका मिल जाए तो इसे छोड़ते नहीं हैं। इसके बहाने परिवार के सदस्यों से मेल मिलाप कर आशीर्वाद भी मिल जाता है। वैसे रास्ते में गाड़ी में प्यास लगने पर छाछ, फल और पानी का इंतजाम बना रहता है। रास्ते में कहीं मौका लगने पर सड़क किनारे ठेली पर कचौड़ी खाने और चाय पीने का मौका मिल जाए तो इससे भी नहीं चूकते, क्योंकि इससे जनता से सीधे संवाद का मौका भी मिलता है।
तीन बजे, जगतपुरी विस्तार, सीमापुरी में पहली जनसभा है। सभा ठेठ भोजपुरी अंदाज में शुरू होती है। सभा के बीच-बीच में लोगों से संवाद करते चलते हैं। हर सभा में रिंकिया के पापा से भोजपुरी गाने की डिमांड हो रही ही है। मनोज जनता के इस लगाव को समझते हैं और उसे पूरा भी करते हैं। स्थानीय चुनावी सभाओं की व्यवस्था करने वालों को शुक्रिया करना नहीं भूलते। फिर कहते हैं कि भाषण देना पकाता है, पर अपने अंदाज में मौजूद श्रोताओं से संवाद स्थापित करते हैं। सभाओं में वह विपक्ष पर भोजपुरी कहावतों एवं लोकोक्तियों के माध्यम से व्यंग्य करते हैं। श्रोताओं से प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं की बात बताते हैं और इस बार भी उन्हें जिताने की अपील करे हैं। सभाओं के बाद स्थानीय लोगों के साथ चाय की चुस्की लेते हुए उन्हें अपने परिवार, मित्रों को भाजपा को वोट डलवाने की जिम्मेदारी सौंपते चलते हैं।
पूरे दिन में तिवारी ने कुल 3 जनसंपर्क कार्यक्रम और 7 जनसभाएं कीं। कार्यकर्ताओं के साथ 3 बैठकें कीं, राष्ट्रीय कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस भी की। सुबह जब वह घर से निकले थे तो सूरज पूरब से झांक रहा था और रात 10 बजे घर लौटे तो चांद आधे आसमान पर था। लेकिन अभी विश्राम कहां। रात्रि भोजन करने के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली बीजेपी के प्रभारी विष्णु जी, प्रवेश शर्मा जी और मीडिया प्रभारी नीलकांत जी के साथ आंगन में टहलते हुए आगामी रैली, जनसभाओं की जानकारी लेकर योजना बनाई। दिनभर की हुई सभाओं की समीक्षा भी की और इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए शयन कक्ष की ओर बढ़ गए। लेकिन मन में यही भाव है… समर शेष है अभी विश्राम कहां।

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