किसानों का कहना है कि पूरे वर्ष मेहनत की है तब जाकर धान हुई है। ऐसे में यदि बारिश ठीक-ठाक हो गई तो धान का रंग बदल सकता है। साथ ही अगर उसमें नमी आ गई तो खरीदी केंद्रों में परेशानी होगी। किसानों बता रहे हैं कि खरीद केंद्र पहुंचकर यदि उनकी धान गीली होता है तो इसकी जवाबदारी प्रशासन को लेनी चाहिए। लेकिन कई बार किसान खरीद केंद्रों में कई दिन पहले पहुंच जाते हैं और धान की तौल कई दिन बाद होती है। ऐसे में तब तक धान खुले में पड़ा रहता है। इधर बीच बादलों की आहट और बूंदा-बांदी के बीच किसानों की मुसीबत ज्यादा ही बढ़ गई है।
विजयराघवगढ़ धान खरीद केंद्र में धान का भंडारण है। इसमें काफी मात्र में धान खुले आसमान के नीचे रखा हैऔर बारिश का माहौल बन गया है। ऐसे में किसानों की चिंता है कि बारिश हुई तो धन का क्या होगा। वो चाहते हैं कि धान खरीद केंद्र समय पर तौल और धान का परिवहन हो। हालांकि इस बाबत नवागत कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने खरीद केंद्र प्रभारियों को फटकार भी लगाई है। बावजूद इसके धान खुले में पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक विजयराघवगढ़ खरीद केंद्र में 91 कृषकों ने अबतक 38 सौ 36 क्विंटल धान की बिक्री की है।इसमें केवल 1220 क्विंटल परिवहन हुआ है। इसमें 193 क्विंटल धान जो 7 कृषकों का है। इन्हें ई पेमेंट के माध्यम से 3 लाख 50 हजार 199 सीधे उनके खाते में पहुंच चुका है। दरअसल 6 दिसंबर से केंद्र में बारदाना की कमी रही, 11 दिसंबर को बारदाना आया। बारदाना की कमी से भी तौल प्रभावित हुई।
बता दें कि नवागत कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने जिले के विजयराघवगढ़ तहसील के धान खरीद केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण कर खरीद कार्य और केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। उन्होंने खरीद संबंधी सभी कार्रवाई समय पर पूर्ण करते हुए बारिश की आशंका के मद्देनजर खरीदी हुई खुली पड़ी धान तथा किसानों द्वारा लाई गई धान को तिरपाल से ढंककर सुरक्षित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी केंद्रों में खुले में धान पड़ी है। खरीदी केंद्र देवराकलां में परिवहन की गति धीमी होने पर संबंधित परिवहनकर्ता एजेंसी तथा शनिवार के दिन खरीद केंद्र में ऑफलाइन तौल व अन्य गतिविधियां बंद रहने पर कलेक्टर ने समिति प्रबंधक, केंद्र प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं दिख रहा है।
सहायक आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि धान खरीद केंद्रों में अब तक 59 हजार 196 मेट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। इसमें से 44 हजार 156 मीट्रिक टन अर्थात 75 फीसद धान का परिवहन किया जा चुका है। शेष परिवहन 15 हजार 41 मीट्रिक टन खरीदी केंद्रों में रखा है।
सहायक आपूर्ति अधिकारी से कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने परिवहनकर्ता एजेंसियों द्वारा खरीदी केंद्रों से परिवहन की गई धान की मात्रा, शेष स्टॉक व संबद्ध ट्रकों की संख्या की जानकारी ली। तारा ट्रांसपोर्ट, जीसी चांदवानी और जेएसआर एजेंसी का परिवहन फीसद 71 से कम पाए जाने पर कलेक्टर ने पर्याप्त संख्या में वाहन संलग्न कर परिवहन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ट्रांसपोर्टर्स की समस्याओं की जानकारी भी ली और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को परिवहनकर्ताओं की भुगतान राशि का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।