यह पूरा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में रंगाई-पुताई और पेंटिग के लिए प्रत्येक केंद्र में आई तीन हजार रुपये और उसमें चंदा कर बंदरबांट किए जाने से जुड़ा है। आरोप है कि कई केंद्रों में चूना से पुताई कर ही पूरी राशि खर्च करने की तैयारी चल रही है। कई स्थानों पर सूची बनाकर राशि वसूली जा रही है।
कटनी मुड़वारा परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित तीन बाल शिक्षा केंद्र में एक केंद्र का नाम बदलने को लेकर जिला परियोजना अधिकारी ने जानकारी लेने की बात कही है। आरोप है कि यहां चाका, पंडरिया और कछगवां-देवरी को बाल शिक्षा केंद्र के लिए चिन्हित किया गया था। अब चाका को बदलकर किसी अन्य केंद्र को चिन्हित किए जाने की तैयारी है। इस पर डीपीओ नयन सिंह ने जानकारी लेकर कार्रवाई की बात कही है।
उन्होंने बताया कि मुड़वारा परियोजना की जांच कलेक्टर ने एसडीएम को दिया है। कमेटी बनी है। इसमें कौन हैं यह नहीं पता। प्रथम दृष्टया डायरेक्ट रिटेन में विद्या पांडेय से पूछा था। इस मामले में आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा अनियमितता बरतने की जानकारी मिल रही है। सीडीपीओ कड़ाई कर रहे हैं तो उनकी शिकायत हो रही है। जिले में 63 आदर्श केंद्र पहले से बने हैं। वहां पुताई की आवश्यकता नहीं है। इन केंद्रों के लिए जबलपुर कमिश्नर के निर्देश हैं कि लोकेशन के लिए बोर्ड लगवा दिया जाए।